UP : काली कमाई खपाने के शौकीन आईएएस अफसरों पर मेहरबानी

पिछले कई आयकर छापों में तमाम बिल्डर समूहों के प्रोजेक्टों में सामने आया करोड़ों रुपयों का निवेश

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava : बीते दिनों आयकर छापों में यूपी के जितने आईएएस अफसरों की काली कमाई का निवेश बिल्डरों के प्रोजेक्टों में पकड़ा गया, उनमें से एक पर भी अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। इनमें से अधिकांश आईएएस यूपी सरकार में अहम ओहदों पर तैनात हैं।

सबसे बड़ा मामला गैलेन्ट समूह का है। 102 घंटों से ज्यादा की मैराथन छापेमारी में खुलासा हुआ कि लखनऊ के प्रोजेक्ट शालीमार गैलेन्ट में यूपी के कई आईएएस अफसरों का भारी पैसा लगा है। शालीमार और गैलेन्ट समूह के प्रोजेक्टों में तकरीबन सौ करोड़ की काली कमाई खपाये जाने के संकेत मिले। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन यूनिट के तेजतर्रार अफसरों ने इन आईएएस से जुड़ी पूरी रिपोर्ट दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजते हुए कार्रवाई की अनुमति मांगी। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की अनुमति आयकर अफसरों को नहीं मिली है।

रोहित सहाय कई आईएएस अफसरों की काली कमाई का बड़ा राजदार

इन अफसरों में कई प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव की रैंक के हैं। दो ऐसे वरिष्ठ आईएएस हैं, जो सरकार के विश्वासपात्रों की फेहरिस्त में शामिल हैं, तभी इनको लम्बे समय से अहम विभागों के साथ ही अतिरिक्त प्रभार भी सौपें गए हैं। इसके बाद बारी पिनटेल और अमरावती समेत कई बिल्डरों के ऊपर पड़े आयकर छापों की है। पिनटेल ग्रुप का मुखिया रोहित सहाय कई आईएएस अफसरों की काली कमाई का बड़ा राजदार है।

इसके द्वारा अपने बेहद करीबी एक चर्चित अपर मुख्य सचिव की बेहिसाब काली कमाई को ठिकाने लगाने की सूचना आयकर अफसरों के पास भी है। इस अफसर की कमीशनखोरी कुछ माह पहले पड़े आयकर छापों में बेनकाब हो चुकी है। इन आईएएस अफसरों के ऊपर अभी तक पूरी तरह शिकंजा नहीं कसा है। इसके बाद जेएसवी समूह में एक अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव का कालाधन पकड़ा गया। दोनों ही अफसरों के पास जनता से जुड़े बेहद अहम विभाग हैं।

बसपा और सपा सरकार में भी घोटालों के सहारे खूब कमाई को अंजाम दिया

करोड़ों की काली कमाई के निवेश के मामले में अभी तक दोनों आईएएस अफसरों को रडार पर नहीं लिया गया है। इसमें से एक अफसर ने बसपा और सपा सरकार में भी घोटालों के सहारे खूब कमाई को अंजाम दिया है। इसी तरह खनन घोटाले में नामजद महिला आईएएस की काली कमाई का निवेश सफायर बिल्डर के प्रोजेक्टों में किया गया है।

आयकर विभाग ने छापे भी मारे थे। जिसमें कई अहम दस्तावेज बरामद हुए। यूपी के इन धनकुबेर आईएएस अफसरों के असली चेहरे एजेंसियां पूरी तरह कब बेनकाब करेंगी, इस सवाल का जवाब देना कोई नहीं चाहता।

2015 में शालीमार ग्रुप हुआ था बेनकाब, डीजी तक बदले गये

शालीमार समूह के कर्ताधर्ताओं के बड़े आईएएस अफसरों-नेताओं से नजदीकी रिश्तें बसपा सरकार से हैं। इससे पहले भी जब आयकर विभाग ने 2015 में शालीमार समूह पर छापे मारे थे। तब कई आईएएस का कच्चा चिटठा मिला था। करोड़ों की अघोषित काली कमाई बिल्डर ने स्वीकारते हुए भारी टैक्स भी अदा किया। लेकिन नाटकीय घटनाक्रम के तहत आयकर के तत्कालीन डीजी (जांच) कृष्णा सैनी का तबादला होने से अफसर सहम गए।

Also Read : हैदराबाद पुलिस का खुलासा, लखनऊ में 61 खाते खोलकर चीनी हैंडलर्स व आतंकियों को…

Get real time updates directly on you device, subscribe now.