UP Politics : यूपी में राजभर का भाजपा के ‘मिशन 80’ का हिस्सा बनना तय

Sandesh Wahak Digital Desk : मिशन 2024 के मद्देनजर भाजपा में तैयारियां तेज हो चुकी हैं। हाल ही में आये आंतरिक सर्वे के बाद भाजपा नेताओं ने यूपी में मिशन 80 को लेकर सारे समीकरणों पर सियासी मंथन शुरू किया है। इसमें गठबंधन का दांव भी शामिल है। भाजपा के आंतरिक सर्वे ले बाद सबसे ज्यादा फायदे में सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर आ रहे हैं।

दिल्ली दरबार के सामने अपनी मांगों को रखा, जल्द फिर होगी अहम बैठक

भाजपा के अंदर सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक सुभासपा से गठबंधन के बाद तकरीबन आधा दर्जन सीटों पर लाभ होगा। इसका सीधा अर्थ है कि सुभासपा प्रमुख के दोनों हाथों में लड्डू है। जिसको देखते हुए एक दिन पहले ही उन्होंने दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई है।

भाजपा के बड़े नेताओं के साथ अगले माह सुभासपा के जिम्मेदारों के साथ बैठक बिल्कुल तय बताई जा रही है। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राजभर ने अपनी शर्तों का पुलिंदा दिल्ली दरबार के सामने रख दिया है। जिस पर एक महीने बाद ही सार्थक चर्चा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से होगी। हालांकि इससे पहले सुभासपा खुद को विपक्ष का हिस्सा बताने में खुद को ज्यादा सुरक्षित समझ रही थी। पूर्वांचल में राजभर का सियासी प्रभुत्व ज्यादा है। जिसका लाभ सपा को हो चुका है।

सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक गठबंधन के बाद तकरीबन आधा दर्जन सीटों पर होगा लाभ

इसी कारण सुभासपा ने यहां की सीटों का ब्योरा तैयार किया है। जिन सीटों पर पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में सुभासपा को एक लाख वोट मिले थे। ये सीटें पार्टी भाजपा से मांगने के मूड में दिख रही है। ओम प्रकाश राजभर रविवार को देवरिया और कुशीनगर के दौरे पर हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ओमप्रकाश राजभर ने तैयारी शुरू कर दी हैं।

सुभासपा अपने गढ़ में पार्टी को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है। जिससे लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मिशन 80 से सियासी मोलभाव तय हो सके। सुभासपा से दोस्ताना माहौल की जिम्मेदारी परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को जिम्मेदारी दी गयी है।

पहले विपक्ष के महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहते थे सुभासपा प्रमुख

हालांकि हाल ही में सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाया था। उनके मुताबिक अखिलेश यादव और ममता बनर्जी अगर समर्थन मांगेंगे तो उन्हें दिया जाएगा। बिहार सीएम नीतीश कुमार के साथ बनने वाले विपक्षी महागठबंधन का हिस्सा बनने को आतुर राजभर अब सत्ता के लड्डू खाने के खातिर भाजपा संग जाने के लिए तैयार हैं। कई मौकों पर भाजपा नेताओं संग उनकी गलबहियां सुर्खियां बटोर चुकी हैं।

निकाय चुनाव में पूर्वांचल की बेल्ट में कमल पूरी तरह नहीं खिला

भाजपा सरकार के एक पूर्व मंत्री का कहना है कि निकाय चुनाव के दौरान पूर्वांचल की बेल्ट में कमल पूरी तरह नहीं खिला है। इसका कारण सिर्फ सुभासपा है। गाजीपुर में ही देख लीजिये। पूर्वांचल की मजबूती के लिए भाजपा को छोटे दलों खासकर राजभर का साथ जरुरी है। भाजपा के कई नेताओं का मानना है कि सुभासपा के साथ आने से करीब साथ से आठ सीटों लोकसभा सीटों के सियासी समीकरण हमारे पक्ष में हो सकते हैं।

छोटे दलों को लेकर भाजपा में जमकर मंथन

छोटे दलों को लेकर भाजपा में सियासी मंथन जोरों पर है। यूपी में भाजपा ने जिस मिशन 80 का खाका खींचा है। वो सिर्फ अपने बूते पूरा होते दिखाई नहीं दे रहा है। आंतरिक सर्वे में भी भाजपा को सिर्फ 60 से 65 सीटों के अपने पाले में आने के गणित को दिखाया गया है। अपना दल  पहले से भाजपा के साथ है। फिलहाल कई और छोटे दलों को गठबंधन के लिए भाजपा तलाश रही है। लेकिन इसकी पुष्टि कोई भी नेता करने को तैयार नहीं है।

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