पेट में एसिडिटी… इन घरेलू उपायों को तत्काल आजमायें और समस्या से निजात पायें

एसिडिटी तब होती है जब पेट में गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड की अधिकता पैदा करती हैं और किडनी इससे छुटकारा नहीं पा सकते हैं।

Sandesh Wahak Digital Desk: पेट में जलन एसिडिटी डकार आदि ऐसे नाम है जिनसे करीब-करीब सभी वाकिफ होंगे। एसिडिटी तब होती है जब पेट में गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड की अधिकता पैदा करती हैं और किडनी इससे छुटकारा नहीं पा सकते हैं। यह आमतौर पर हार्ट बर्न, एसिड रिफ्लक्स, अपच के साथ आता है। आमतौर पर एसिडिटी अधिक मसालेदार भोजन, कॉफी, अधिक खाने, कम फाइबर वाले आहार लेने के कारण होती है।

एसिडिटी एक ऐसी आम समस्या है जिसमें हमारे पेट में मौजूद एसिड का स्त्राव बहुत ज्यादा होने लगता है और हमारे सीने में जलन, पेट और छाती में दर्द, भूख न लगना, उल्टी, खट्टी डकार जैसी परेशानियां होने लगती हैं। ये समस्या अगर बार-बार होने लगती है तो अधिकतर लोग मेडिकल शॉप से गैस की अथवा एसिडिटी की गोली खरीद कर खा लेते हैं या फिर बहुत से मेडिकेटेड तरीकों से आराम पाने की कोशिश करते हैं परंतु लंबे समय तक लेने से उन दवाइयों के रिएक्शन भी हो सकते हैं।

अगर किसी को बहुत ज्यादा एसिडिटी हो रही है तो सादा अथवा हल्का ठंडा पानी और पेट की भूख को शांत करने वाले पेय पदार्थ को पीने से राहत मिल सकती है। अपनी हालत को देखते हुए पोषक तत्वों से भरे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपने रोजाना की दिनचर्या में थोड़ी बहुत शारीरिक गतिविधियां शामिल करें, खासकर तब-जब खुले आसमान के नीचे हों और ताजी हवा चल रही हो।

ना करें ये काम

बहुत ज्यादा मिर्च मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। शराब, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स को पीने से बचें। बाजारों में मिलने वाले जंक फूड अथवा चाट इत्यादि से यथासंभव दूर ही रहे तो अच्छा है। गुस्सा और दुख जैसी भावनाओं से दूर रहें और ऐसी गतिविधियों से दूर रहे हैं, जो दिमाग को तनाव पहुंचाती हैं।

वहीं, होम्योपैथी में बहुत सारी दवाइयां हैं जिनको अपने लक्षणों के अनुसार किसी सुयोग्य चिकित्सक से मिलकर लेने से एसिडिटी और अफारा पूरी तरीके से ठीक हो सकता है। बहुत सी होम्योपैथिक दवाएं एसिडिटी में फायदेमंद मानी जाती है और ये सीने में जलन, पेट दर्द, नींद न आने, मतली और उल्टी जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं। होम्योपैथिक दवाएं एक हद तक प्राकृतिक गुणों से संपन्न होती है, जहां उनके चिकित्सा गुण बरकरार रहते हैं और ये शरीर पर कोई साइड-इफेक्ट का कारण नहीं बनती है। इसलिए इन दवाओं को सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। दवाएं तभी अच्छा काम करती हैं जब हम अपनी दिनचर्या एवं भोजन में कुछ आवश्यक बदलाव करते हैं। ये आवश्यक बदलाव पेट से जुड़ी परेशानियों को ठीक करने में मदद करता है और हमे आराम पहुंचाता है।

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