UP Crime: नाम बदला, उम्र घटाई और फिर सिपाही की नौकरी पाई, टीचर ने खोली पोल, मुकदमा दर्ज

Sandesh Wahak Digital Desk/Abhishek Srivastava: यूपी के सहारनपुर (Saharanpur) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस विभाग में एथलेटिक्स श्रेणी में देवबंद (Deoband) के अभ्यार्थी ने सिपाही भर्ती (Constable Recruitment) का आवेदन कर नौकरी हासिल की। सिपाही पर फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने का आरोप लगा। जीबीएफडी इंटर कॉलेज के अध्यापक ने भर्ती बोर्ड को पत्र भेजा। कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि आरोपी ने नौकरी पाने के लिए कम उम्र दिखाकर दूसरे नाम से हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा दूसरे से पास कराई। कमेटी को जांच में आरोपी सिपाही (Constable) पर लगे आरोप सही मिले। जिसके बाद बोर्ड के डीएसपी ने हुसैनगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

ऐसे खुली पोल

भर्ती बोर्ड के डिप्टी एसपी रविराज सिंह चौहान ने बताया कि यूपी पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस पदों पर कुशल खिलाडिय़ों की सीधी भर्ती 2022 में एथलेटिक्स श्रेणी में सहारनपुर के देवबंद ग्राम मिरगपुर निवासी समित सिंह ने आवेदन किया, जिसमें उसका चयन हो गया। सहारनपुर के जीबीएफडी इंटर कॉलेज के अध्यापक सचिन शर्मा ने आरक्षी समित सिंह के खिलाफ एक शिकायती पत्र बोर्ड को भेजा। जिसमें बताया गया कि समित सिंह ने सुमित पवार के स्थान पर नाम और आयु बदल दोबारा से हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा किसी दूसरे से दिलाकर पास की।

शिकायती पत्र के मुताबिक, समित सिंह वर्ष 2007 में सुमित पवार नाम से पिता बृजपाल सिंह जन्मतिथि 2 जनवरी, 1993 गुरुबाबा फकीरा दास इंटर कॉलेज सहारनपुर से हाईस्कूल पास कर चुका है। जिसका रिकॉर्ड कॉलेज में है। जन्मतिथि के आधार पर समित सिंह उक्त भर्ती के लिए आयु सीमा पार कर चुका है। शिकायती पत्र को संज्ञान में लाकर भर्ती बोर्ड ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर जांच कराई।

जांच में पता चला कि सुमित पंवार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से 2019 में हाईस्कूल और 2021 में इंटर किया है। बोर्ड ने निरीक्षक उपेंद्र सिंह को जांच के लिए भेजा। पता चला कि समित सिंह, सुमित सिंह और सुमित पवार एक ही शख्स हैं। सुमित सिंह ने आयु अधिक होने पर समित सिंह के रूप में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से जन्मतिथि 4 जुलाई 1999 दिखा 2019 में हाईस्कूल किया, जबकि उसकी वास्तविक उम्र 2 जनवरी 1993 है।

परिवार रजिस्टर में बृजपाल सिंह के दो बेटे अमित और सुमित सिंह हैं। सभी जांच से यह साफ है कि आरोपी ने अपनी उम्र कम करने के उद्देश्य से समित सिंह नाम से शैक्षिक प्रमाण पत्र हासिल किया और फिर आवेदन किया। जांच से यह साफ है कि आरोपी का असली नाम सुमित पवार है। फर्जीवाड़ा सामने आने पर डिप्टी एसपी ने हुसैनगंज कोतवाली में जाली दस्तावेज के आधार पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

आईटीबीपी में पाई थी नौकरी, फिर छोडक़र भागा

समित वर्ष 2013 के आईटीबीपी पंचकुला स्पोट्र्स कोटे से लंबी कूद में सुमित पवार नाम से भर्ती हुआ था। जहां से वह 2014 में भाग गया था। आईटीबीपी थाना देवबंद के माध्यम से कई बार बार नोटिस भेज चुकी है। आईटीबीपी से पता चला कि सुमित पवार ने सेवायोजन प्राप्त किया है। साथ ही 4 दिसंबर 1998 को उसे सर्विस से बाहर कर दिया गया। आईटीबीपी में भर्ती के लिए सभी शैक्षिक, खेल व सामान्य निवास प्रमाण पत्र में आरोपी का नाम सुमित पवार ही अंकित है।

 

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