आयुष घोटाला : तमाम योग्य छात्रों के अधिकारों पर आघात पहुंचा

यूपी के चर्चित आयुष घोटाले में जमानत अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

Sandesh Wahak Digital Desk : आयुष कॉलेजों में हुए प्रवेश घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए हाईकोर्ट ने योगी सरकार को आदेश दिया था। लेकिन सरकार को इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी। लेकिन इतने बड़े घोटाले के मामले में हाईकोर्ट के सख्त रुख में अभी तक कोई कमी नहीं आयी है।

सोमवार को हाईकोर्ट ने एक अभियुक्त आलोक कुमार त्रिवेदी की जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए इस घोटाले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस कृत्य से तमाम योग्य छात्रों के अधिकारों पर आघात पहुंचा है।

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियुक्त पर दूसरे अभियुक्तों के साथ मिलकर आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेजों में 928 अयोग्य व्यक्तियों का धोखाधड़ी और कूटरचना कर के दाखिला कराने का आरोप है जिनमें से 21 ने तो नीट परीक्षा भी नहीं दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने त्रिवेदी की जमानत याचिका पर पारित किया।

13 फरवरी को न्यायालय में एसटीएफ ने आरोप पत्र किया था दाखिल

याचिका का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह की दलील थी कि मामले में नामजद अभियुक्त कुलदीप सिंह के साथ अभियुक्त के तमाम व्हाट्सएप चैट मिले, जिनमें दाखिले के सम्बंध में वार्तालाप की गईं। उन्होंने न्यायालय को बताया कि एसटीएफ ने 13 फरवरी को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

जिसमें पूर्व आयुर्वेद निदेशक सत नारायण सिंह, निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा आयुर्वेद निदेशालय डॉ.उमाकांत, वरिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय राजेश सिंह, कनिष्ठ सहायक कैलाश चंद्र भाष्कर व अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश करने समेत अन्य आरोप लगाए हैं।

धर्म सिंह सैनी और प्रशांत त्रिवेदी का नाम आते ही जांच धीमी

आयुष कॉलेजों में प्रवेश घोटाले में पूर्व विभागीय मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन प्रमुख सचिव डॉ प्रशांत त्रिवेदी की घूसखोरी बेनकाब हुई थी। सैनी को एक करोड़ पांच लाख और त्रिवेदी को 25 लाख की रकम मिली थी। लेकिन दोनों प्रभावशालियों का घोटाले में नाम आते ही एसटीएफ की जांच भी मानो ठन्डे बस्ते में जाती दिख रही है।

सूत्रों की माने तो सैनी भाजपा में जाने को बेताब हैं। हालांकि मुख्यमंत्री योगी इसके लिए कतई तैयार नहीं बताये जा रहे हैं। लेकिन दारा सिंह चौहान के भाजपा में आने के बाद सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने धर्म सिंह सैनी के एक साथ होने को लेकर बयान दिया था। जिसके बाद जांच एजेंसी के अफसरों के तेवर भी ढीले पड़ चुके हैं।

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