संपादक की कलम से: सट्टा एप्स पर शिकंजे के निहितार्थ

Sandesh Wahak Digital Desk : छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप के प्रवर्तकों से राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पांच सौ करोड़ से अधिक लेने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दावे के बाद केंद्र सरकार फिर सक्रिय हुई है। केंद्र सरकार ने ईडी की संस्तुति पर महादेव सट्टा एप समेत ऐसे 22 अन्य एप्स को प्रतिबंधित कर दिया है।

माना जा रहा है कि इससे ऑनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लगेगा लेकिन बड़ा सवाल यह है कि – 

  • छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा एप पर प्रतिबंध लगाने की संस्तुति क्यों नहीं की?
  • क्या राज्य सरकारों के सहयोग के बिना ऑनलाइन सट्टेबाजी पर अंकुश लग पाएगा?
  • क्या प्रतिबंध लगा देने भर से सट्टेबाजों पर असर पड़ेगा?
  • क्या दूसरे नाम से ऐसे एप्स फिर से मॉर्केट में नहीं आ जाएंगे?
  • क्या सरकार को इसको रोकने के लिए कोई ठोस रणनीति बनाने की जरूरत नहीं है?
  • क्या ऐसे एप्स का इस्तेमाल हवाला के जरिए विदेशी धन को भारत लाने और भारत के धन को विदेश भेजने के लिए किया जा रहा है?
  • क्या सट्टेबाजी के फैले जाल को नष्ट किए बिना इस पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकता है?

सट्टेबाजी का खेल भारत में काफी दिनों से चल रहा है लेकिन इंटरनेट के व्यापक इस्तेमाल ने इसे घर-घर तक पहुंचा दिया है। हैरानी की बात यह है कि ये एप्स खुलेआम अपना प्रचार-प्रसार करते हैं और इसके लिए वे नामचीन हस्तियों तक का प्रयोग करते हैं और राज्य सरकारें इसे लेकर आंख मूंदे रहती हैं। वहीं पुलिस केवल छोटे-मोटे सटोरियों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपाती रहती है।

सट्टेबाजी का यह खेल हर क्षेत्र में हावी

हकीकत यह है कि सट्टेबाजी का यह खेल हर क्षेत्र में घुस गया है। खेल, चुनाव और मनोरंजन इसके निशाने पर हैं। ऑनलाइन एप्स के जरिए सट्टेबाजी का पूरा नेटवर्क है। इसकी पकड़ विदेशों तक है। ये एप्स न केवल हवाला कारोबार से जुड़े हैं बल्कि हर साल अरबों का धंधा करते हैं। यह कारोबार मनी लॉन्ड्रिंग के रूप में किया जा रहा है।

इससे सरकार को हर साल करोड़ों का नुकसान होता है। इस सट्टेबाजी का गलत असर युवा और किशोर पीढ़ी पर पड़ रहा है। कई इसके चक्कर में फंस कर आत्महत्या तक कर चुके हैं। सच यह है कि इस नेटवर्क को ध्वस्त करना आसान नहीं है। केवल कुछ एप्स पर प्रतिबंध लगाने से काम नहीं चलने वाला है। ये सट्टेबाज दूसरे नाम से एप्स बना लेंगे और अपना धंधा चालू रखेंगे। सरकार की आंख में धूल झोंकने के लिए कोई दूसर बहाना बनाकर यह खेल खेलेंगे।

यदि सरकार वाकई सट्टेबाजी पर अंकुश लगाना चाहती है तो उसे कई स्तरों पर काम करना होगा। पहला राज्य सरकारों को एक ऐसी टीम का गठन करना होगा जो ऑनलाइन एप्स पर निरंतर नजर रखे। दूसरा, सरकार को इसके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए ठोस और कारगर रणनीति बनानी होगी। तीसरा केंद्र और राज्य सरकारों को आपसी समन्वय से इस पर लगाम लगानी होगी अन्यथा प्रतिबंध का कोई असर नहीं पड़ने वाला है।

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