कानपुर हत्याकांड: गार्ड की सजगता से पुलिस ने किया राजफाश, ट्यूशन टीचर समेत तीन हुए गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk : कानपुर में टेक्सटाइल कारोबारी के दसवीं में पढ़ने वाले बेटे कुशाग्र (17) अपहरण के बाद हत्या कर दी गयी। पुलिस ने मंगलवार को शव बरामद कर ट्यूशन टीचर और उसका ब्वाय फ्रेंड प्रभात शुक्ला समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया।

कपड़ा कारोबारी के बेटे कुशाग्र (17) अपहरण और हत्याकांड में राजफाश का श्रेय वहां नौकरी करने वाले गार्ड राजेंद्र को जाता है। गार्ड की सजगता से ही पुलिस ने महिला ट्यूशन टीचर और उसका ब्वाय फ्रेंड प्रभात शुक्ला समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रभात ने ही पुलिस को कंफ्यूज करने के लिए फिरौती के लेटर पर अल्लाह हू अकबर भी लिखा था। यह भी लिखा था कि हमें पैसे दे दो और अल्लाह पर भरोसा रखो। पुलिस का मानना है कि प्रभात शुक्ला ने यह सब माहौल को खराब करने और जांच को भटकाने की नीयत से भी लिखा था।

एक्टिवा का नंबर नोट कर पुलिस का था सौंपा, दी थी अहम जानकारी

आचार्य नगर के रहने वाले बड़े साड़ी कारोबारी मनीष कनोडिया का बेटा कुशाग्र 10वीं का छात्र था। वह आर्यनगर की कोचिंग में रोज शाम पढ़ने जाता था। सोमवार शाम चार बजे वह घर से स्कूटी लेकर निकला, लेकिन छह बजे तक घर नहीं लौटा। इसी बीच हेलमेट और मास्क लगाकर स्कूटी से पहुंचे एक युवक ने घर में एक पत्र फेंका। इसमें फिरौती की मांग की गई थी। पत्र में लिखा था कि मैं नहीं चाहता कि आपका त्योहार बर्बाद हो। आप मेरे हाथ में पैसे रखो और लडक़ा एक घंटे बाद आपके पास होगा। हम आपको कल फोन करेंगे। अल्लाह हू अकबर।

कपड़ा कारोबारी के पुत्र की अपहरण के बाद हत्या का मामला

मनीष कनोडिया के घर फिरौती का पत्र फेंकने आए युवक की स्कूटी अपार्टमेंट के गार्ड राजेन्द्र ने पहचान ली थी। बदमाश मॉस्क पहने हुए ही अंदर जाना चाहता था, पर गार्ड राजन कुमार ने रोक दिया।

इस पर वह मॉस्क उतार कर अंदर गया। इस बीच गार्ड ने स्कूटी की नंबर प्लेट पर चढ़ा कपड़ा हटा कर नंबर नोट कर लिया। बाद में जांच में यह नंबर किसी अनूप के नाम दर्ज बाइक का निकला। गार्ड ने बताया था कि ऐसी ही स्कूटी पर कुशाग्र की पुरानी ट्यूटर यहां आती रही है। बस इसी के बाद कानपुर पुलिस को लीड मिल गयी थी।

पहले पिता करते थे गार्ड  की नौकरी

गार्ड राजेन्द्र ने बताया कि पीडित परिवार जिस विला में रहते हैं। उस अपार्टमेंट में पहले उसके पिता उदय नारायण गार्ड थे। पिता की मौत वर्ष 2021 में हो गयी थी। उदय की मौत के बाद उनके बेटे राजेन्द्र ने यहां गार्ड की नौकरी कर ली थी।

यह चलन देश समाज के लिए घातक : अखिलेश

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि अपराध को एक समुदाय विशेष से जोडकऱ फिरौती की मांग करना और ऐसा करके पुलिस का ध्यान भटकाने की साजिश बेहद गंभीर मामला है। यह चलन देश-समाज के लिए बेहद घातक है।

कानपुर पुलिस गंभीरता दिखाती तो जिंदा रहता कुशाग्र

कानपुर पुलिस की लापरवाही के चलते कुशाग्र की जान चली गई। पुलिस आयुक्त आरके स्वर्णकार को अपहरण की घटना शुरू में बड़ी नहीं लगी। इसीलिए वे पूरी रात मौके पर नहीं पहुंचे। जब फिरौती पत्र और विशेष समुदाय के नारे की बात पता चली तो सक्रिय हुई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कमिश्नरेट में 15 से 16 आईपीएस हैं, लेकिन कमिश्नर साहब पता नहीं कहां हैं।

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