इसबार सारी हदें पार… अखिलेश के गले की फांस बनते जा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य!

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मैंने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा, उसमें केवल सरकार का...

Swami Prasad Maurya Controversial Statement: अक्सर अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का एक बार फिर विवादित बयान सामने आया है. इसबार उन्होंने भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा पर सवाल खड़ा किया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में अयोध्या में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगा दिया कि सवर्ण हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहे हैं. दरअसल, विधान परिषद में चर्चा के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर जहर उगला है. जहां उन्होंने रामलला को लेकर सवाल किए, तो वहीं एक बार फिर हिंदुओं को बांटने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि क्या राम निर्जीव हो गए थे, जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी. जो पहले से जीवित हैं, उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी. अपर कास्ट का हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहा है और ये कहते हैं ओबीसी, एससी और एसटी भी हिंदू हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मैंने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा, उसमें केवल सरकार का गुणगान किया गया है, जो जमीनी हकीकत से कोसों दूर है. राज्यपाल के भाषण में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी वाहवाही लूटी गई है. ऐसा लगता है कि बीजेपी के प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम थे ही नहीं. बीजेपी ऐसा ड्रामा कर रही है. जैसे राम को वे ही लेकर आए हो. हजारों साल से रामलला की पूजा होती आ रही है, फिर प्राण प्रतिष्ठा का नाटक क्यों किया गया. प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का था. आयोजक भी बीजेपी, मुख्य अतिथि भी बीजेपी, और आयोजक विहिप और आरएसएस. भगवान राम को आराध्य मानने वालों को वहां नहीं जाने दिया गया.

बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं था जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदुओं और सनातन को लेकर कुछ बोले हों. वे लगातार सवर्ण हिन्दुओं और सनातन पर हमलावर हैं. इससे पहले भी वे अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं.

अखिलेश यादव के इशारे पर दिए जा रहे बयान

वहीँ इस पूरे मसले पर बीजेपी का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य जो कुछ भी बोल रहे हैं. वह अखिलेश यादव के इशारों पर कह रहे हैं. यही वजह है कि उन पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा. अब तो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सपा नेता भी असहज महसूस करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि यह स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान है. इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है.

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लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि जब पार्टी से कोई लेना देना नहीं है, तो उन पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है. क्योंकि लगातार इस तरीके के बयान से पार्टी को नुकसान होना तय माना जा रहा है…

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