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संपादक की कलम से: महंगाई के मोर्चे पर चुनौतियां

देश में महंगाई दर में भले गिरावट आई हो, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की चिंता कम नहीं हुई है। खुद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास…

संपादक की कलम से: रूस में उठे बगावती सुर के निहितार्थ

रुस - यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद विश्वसनीय येवेनी प्रीगोझिन ने सशस्त्र विद्रोह का ऐलान कर रूसी सरकार…

संपादक की कलम: विपक्षी एकता में पेंच

क्षेत्रीय दल अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस को न केवल हाशिए में डालना चाहते हैं बल्कि विपक्षी एकता के नाम पर उसका सियासी शोषण करने…

संपादक की कलम से: अमेरिका से रक्षा समझौतों के मायने

पिछले एक दशक में भारत-अमेरिका संबंधों में व्यापक और रणनीतिक बदलाव हुए हैं। इस बदलाव के पीछे दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की…

संपादक की कलम से: आतंकवाद पर चीन की चाल और भारत

आतंकवाद के खिलाफ चीन की दोहरी नीति की पोल एक बार फिर खुल गई है। मुंबई हमले के गुनहगार और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना साजिद मीर को…

संपादक की कलम से: कब बदलेगी शहरों की सूरत?

उत्तर प्रदेश में हल्की सी बारिश ने शहर की सरकार की पोल खोल दी है। दावों के बावजूद शहर अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं। नगर निगम और…

संपादक की कलम: वियतनाम से बढ़ते संबंधों के मायने

भारत और वियतनाम के बीच रिश्तों में तेजी से प्रगाढ़ता आ रही है। यही वजह है कि भारत दौरे पर आए वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल फान वान…

सम्पादक की कलम से : बेकाबू अपराध और पुलिस तंत्र

कई बार पुलिस पीड़ित पर आरोपी से समझौता करने का दबाव बनाती है। थानों में एफआईआर लिखने में आना-कानी की जाती है। कई बार तो कोर्ट के…