UP Assembly : फोन न उठाने का दर्द बढ़ा रहा विधायिका व कार्यपालिका में टकराव

मुख्यमंत्री योगी की सख्ती के बावजूद नौकरशाही बेफ्रिक, सडक़ से लेकर सदन तक नजर आ रहा माननीयों का आक्रोश

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: एक साल पहले कांवड़ यात्रा के मद्देनजर मंडल, रेंज और जिलों के अफसरों संग वीसी के जरिये हुई बैठक में खुद मुख्यमंत्री योगी ने साफ तौर पर कहा था कि एमपी,एमएलए और पत्रकारों के फोन अफसर उठाएंगे। व्यस्त होने पर बाद में कॉल बैक करेंगे।

इसके बावजूद अफसरों की सेहत पर तनिक भी फर्क नहीं पड़ा। विधानसभा में रोजाना न सिर्फ अफसरों द्वारा फोन न उठाने के मामलों की गूंज सुनाई दे रही है बल्कि विधायिका और कार्यपालिका के बीच टकराव बढ़ने की नौबत तक आ चुकी है। विपक्ष के साथ खुद सत्ता पक्ष भी इस दर्द से पीडि़त है।

हद से ज्यादा शिकायतों के बाद मार्च 2021 में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सचिवालय के अफसरों को जिलों में फोन करके विकराल होती स्थिति का जायजा लेने के आदेश दिए थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय से जिलों और मंडलों के प्रशासनिक प्रमुखों को उनके सरकारी सीयूजी नंबरों पर फोन किया गया था।

सभी जिम्मेदारों को मुख्यमंत्री सचिवालय ने जारी किया नोटिस 

जिसमें खुलासा हुआ कि 25 जिलों के डीएम और चार मंडलों के कमिश्नरों समेत आठ जिलों के पुलिस कप्तानों ने मुख्यमंत्री सचिवालय से आया फोन तक नहीं उठाया। जिसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने सभी जिम्मेदारों को बाकायदा नोटिस जारी करके तीन दिनों में जवाब मांगा था। इस सूची में पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज और बरेली भी शामिल था।

सरकारी अफसरों द्वारा जनप्रतिनिधियों का फोन न उठाये जाने का दर्द आये दिन सार्वजनिक रूप से छलक रहा है। खुद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अफसरों को पिछले वर्ष जून में निर्देश जारी किये थे कि माह में एक बार न सिर्फ जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करें बल्कि फोन तत्काल उठायें। लेकिन नतीजा सिफर रहा।

अब सरकार करेगी कार्रवाई

एक दिन पहले ही योगी सरकार ने प्रदेश भर के अफसरों को सख्त निर्देश जारी करते हुए माननीयों के फोन उठाना अनिवार्य किया है। ऐसा न करने वाले लापरवाह अफसरों पर इस बार सख्त कार्रवाई भी होगी। व्यस्त होने पर अफसरों को मैसेज या कॉलबैक करना जरूरी है।

सदन में शिवपाल बोले, फोन नहीं उठाते प्रमुख सचिव सहकारिता

बुधवार को सपा के वरिष्ठ सदस्य शिवपाल यादव का भी दर्द सदन में छलक उठा। उन्होंने सरकार से कहा कि प्रमुख सचिव सहकारिता किसी का फोन तक नहीं उठाते हैं। जबकि मंत्री तक फोन उठाते हैं। शिवपाल ने सारे प्रमुख सचिवों पर भी फोन न उठाने के आरोप लगाए।

इस पर विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि प्रमुख सचिव सहकारिता सभी माननीय विधायकों के फोन उठाएंगे और बात करेंगे। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो फिर उनको जवाब देना होगा। इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रमुख सचिव सहकारिता को निर्देश जारी कर दिए हैं।

यूपी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक ने किया पीड़ा का इजहार

यूपी से लेकर केंद्र के मंत्री भी इस दर्द का इजहार कर चुके हैं। कोरोनाकाल में अफसरों द्वारा फोन न उठाये जाने की रिकॉर्डतोड़ शिकायतें आयीं थी। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने अफसरों द्वारा फोन न उठाने पर मुख्यमंत्री योगी को इस संबंध में पत्र तक लिख दिया था।

कुछ समय पहले जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे में कहा था कि प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग ने मेरा फोन उठाने पर नाम सुनते ही कॉल कट कर दी। उन्नाव के सफीपुर से भाजपा विधायक बंबा लाल दिवाकर ने भी डीएम को पत्र लिखकर कहा कि एई को 5 से 10 बजे तक फोन करने पर भी उनका फोन नहीं उठाया गया।

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