UP: जेंडर चेंज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है महिला सिपाही

Sandesh Wahak Digital Desk : गोंडा जिले में तैनात एक महिला सिपाही ने पिछले साल डीजी ऑफिस को एक पत्र लिखकर महिला से पुरुष बनने की अनुमति मांगी थी। डीजीपी ऑफिस से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उसने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की जिस पर कोर्ट ने अब सुनवाई करते हुए पूरे मामले में यूपी पुलिस से काउंसलिंग कराने के साथ ही जवाब मांगा है। आगामी 18 अक्टूबर को महिला पुलिसकर्मियों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई होनी है।

जिले में तैनात 2020 बैच की एक महिला सिपाही ने अपना जेंडर चेंज करवाने के लिए डीजी ऑफिस लखनऊ को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। अनुमति न मिलने पर उक्त महिला सिपाही ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने महिला सिपाही की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी मांग और आवेदन को संवैधानिक अधिकार बताते हुए पूरे मामले में यूपी पुलिस से जवाब मांगा है।

अदालत ने डीजीपी उत्तर प्रदेश को महिला सिपाही द्वारा दिए गए आवेदन को निस्तारित करने का भी आदेश दिया है। हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस से इस पूरे मामले में राय मांगी है। वहीं दूसरी तरफ महिला सिपाही द्वारा दायर की गई याचिका पर आगामी 18 अक्टूबर को लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच सुनवाई करेगी।

‘बचपन से ही मुझे पुरूषों जैसी फीलिंग आ रही थी’

गोण्डा जिले में तैनात 2020 बैच की एक महिला सिपाही ने नाम, पता और पहचान न उजागर करने की शर्त पर बताया कि ‘शुरू से ही मेरा हॉर्मोन्स चेंज होने लगा था और मुझे पुरुषों जैसी फीलिंग आ रही थी। मैं शुरू से ही अपना जेंडर बदलवाने को लेकर सोच रही थी। जब मैं पढ़ने जाती थी तो कक्षा 8 के बाद मेरी सबसे ज्यादा लड़कों से दोस्ती रहती थी। लड़के कहते थे कि तुम महिला हो हम लोगों से दोस्ती ना करो, तो मुझे गुस्सा आता था क्योंकि मुझे लड़कों जैसी फीलिंग आती थी। पढ़ाई करने के बाद मेरी नौकरी लग गई। मैं महिला सिपाही की तरह न रहकर पुरुष की तरह अपनी ड्यूटी करती हूं और जो भी काम मुझे महिलाओं वाला करना चाहिए वह सारा काम मैं पुरुष वाला करती हूं।’

मध्य प्रदेश में भी सामने आया था ऐसा मामला

मध्य प्रदेश में बीते साल एक महिला सिपाही ने पत्र लिखकर जेंडर चेंज करवाने की मांग की थी। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर महिला ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय से न्याय न मिलने पर महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महिला सिपाही का जेंडर चेंज करवाने का आदेश दिया था जिसके बाद महिला सिपाही को जेंडर चेंज करवाने की अनुमति दी गई थी।

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