UP Lok Sabha Election 2024: गांधी परिवार से टक्कर में वरुण को आजमा सकती है भाजपा

तलाशे जा रहे पीलीभीत के निवर्तमान सांसद की चुप्पी के निहितार्थ, रायबरेली सीट के लिए सियासी रस्साकशी तेज

Sandesh Wahak Digital Desk: इतना सच बोल कि होंठों का तबस्सुम न बुझे, रौशनी ख़त्म न कर आगे अंधेरा होगा…निदा फ़ाज़ली के इस शेर की पंक्तियों पर भाजपा नेता वरुण गांधी सटीक बैठते हैं। मोदी से लेकर योगी सरकार तक तंज कसने पर वरुण का पीलीभीत से भाजपा ने टिकट काट दिया है। इसके बाद जिस अंदाज में वरुण गांधी ने चुप्पी अख्तियार कर रखी है। उसके भी सियासी निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के रण में अभी भी अंदरखाने से वरुण के लिए भाजपा दरवाजे खोल सकती है। इसके लिए दिल्ली दरबार में मंथन भी हो रहा है।

दरअसल भाजपा और कांग्रेस के बीच गांधी परिवार की परम्परागत सीटें अमेठी और रायबरेली के लिए घमासान छिड़ा हुआ है। अमेठी से राहुल गांधी को हराकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में कब्जा जमाया था। इस बार भी यहां से वही भाजपा उम्मीदवार हैं। लेकिन रायबरेली से भाजपा ने अभी तक अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं। इसके पीछे कारण कांग्रेस है।

प्रियंका गांधी

रायबरेली लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी बन सकती है उम्मीदवार

माना जा रहा है कि वायनाड से लोकसभा उम्मीदवार राहुल गांधी मतदान के बाद अमेठी और रायबरेली पर कोई फैसला लेंगे। खुद प्रियंका गांधी भी रायबरेली सीट से खड़ी हो सकती हैं। जिसको देखते हुए भाजपा भी मजबूत दावेदार की तलाश में है। जो पीलीभीत के निवर्तमान सांसद वरुण गांधी पर आकर खत्म हो सकती है। सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय और यूपी के मंत्री दिनेश सिंह का नाम जरूर चर्चा में है। लेकिन वरुण जैसे राष्ट्रीय चेहरे के आगे इनकी कोई बिसात नहीं है।

वरुण गांधी

लोकसभा का टिकट न मिलने के बावजूद जिस अंदाज में वरुण ने चुप्पी के सहारे सियासी सस्पेंस बना रखा है। उससे संकेत नजर आ रहे हैं कि भाजपा नेतृत्व रायबरेली सीट के लिए वरुण को भी आजमा सकता है। इससे गांधी परिवार को मिलने वाली सुहानुभूति लहर का लाभ भाजपा को भी मिलेगा। वैसे भी पीएम मोदी राजनीति में अप्रत्याशित फैसलों के लिए ही जाने जाते हैं।

विपक्ष ने फेंका था सियासी पासा, अभी तक नहीं पिघले वरुण

वरुण गांधी को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस और सपा दोनों ने दांव चला था। उन्हें चुनाव लडऩे के लिए टिकट का ऑफर देने के बावजूद वरुण ने कोई जवाब नहीं दिया। अखिलेश रोजाना वरुण को लेकर जिस अंदाज में भाजपा के ऊपर हमलावर हैं, उससे विपक्ष का सॉफ्टकॉर्नर भी झलकता है। इसके बावजूद वरुण गांधी ने अपनी सियासी चुप्पी बरकऱार रखी हुई है।

maneka gandhi and varun gandhi
मेनका गांधी और वरुण गांधी

वरुण अपना भविष्य खुद ही तय करेंगे : मेनका गांधी

सुलतानपुर से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी ने हाल ही में कहा था कि वरुण जो भी करेंगे, अच्छा ही करेंगे। लेकिन क्या करना है इसका फैसला वह ही करेंगे। अपना भविष्य खुद तय करेंगे। मैं भाजपा में खुश हूं। सुल्तानपुर में प्रचार करने वो आएंगे या नहीं, ये भी उन्हीं को तय करना है।

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