आयुष फर्जीवाड़ा: सीबीआई जांच को दबाने के उच्चस्तरीय प्रयास शुरू

आयुष फर्जीवाड़ा: तीन वर्षों से दाखिलों में जारी था खेल, हाईकोर्ट के आदेश के 21 दिन बाद भी अभी तक एफआईआर नहीं, पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी व अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी के अलावा घूस का पैसा कई अफसरों को बंटा।

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में हुए दाखिलों के फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच को दबाने के उच्चस्तरीय प्रयास शुरू हो गए हैं। तभी हाईकोर्ट के फैसले के तीन हफ्ते बाद भी अभी तक सीबीआई मुख्यालय ने एफआईआर को हरी झंडी नहीं दिखाई है। वहीं योगी सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में गुहार करने पर विचार कर रही है।

दरअसल आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों में नीट यूजी 2021 के 891 दाखिलों के साथ फर्जीवाड़े की कलंक कथा लिखी गयी थी। वहां पिछले तीन वर्षों से इस फर्जीवाड़े के जरिये करोड़ों के वारे न्यारे करने के सुराग एसटीएफ की जांच में पहले ही सामने आये थे। लेकिन अभी तक इन वर्षों के दौरान हुए दाखिलों के फर्जीवाड़े की जांच अफसरों ने नहीं शुरू की है। इन दाखिलों की जांच में आयुष विभाग (Ayush Department) के निदेशालय से लेकर शासन तक के अफसर लपेटे में आएंगे।

धर्म सिंह सैनी के ऊपर रिश्वत लेने का लगा है आरोप

तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी

तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के ऊपर एक करोड़ पांच लाख और अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी पर 25 लाख की रिश्वत लेने का संगीन आरोप पहले से है। ऐसे में अगर एसटीएफ ने पिछले सालों की जांच की तो कॉलेजों ने कितनी और रिश्वत आयुष के जिम्मेदारों को रेवड़ी के तौर पर बांटी है। इसका भी खुलासा हो जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक इसी के मद्देनजर योगी सरकार 24 मई को हाईकोर्ट द्वारा दिए सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रही है।

प्रशांत के अलावा एसटीएफ ने अभी तक शासन के उन अफसरों की घूसखोरी भी नहीं उजागर की है। जिन्होंने बहती गंगा में खूब हाथ धोये हैं। हाईकोर्ट ने सीबीआई से तत्काल जांच शुरू करते हुए एक अगस्त को न सिर्फ अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की थी बल्कि प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट भी पेश करने को कहा था। सीबीआई अगर एफआईआर दर्ज भी कर लेगी तो भी उसके पास बमुश्किल एक माह ही जांच का समय होगा।

आयुष मिशन में सैनी के कई कारनामों के राज दफन

तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने सिर्फ दाखिलों में फर्जीवाड़े के जरिये ही करोड़ों रूपए नहीं कमाये हैं बल्कि अपने तमाम नजदीकियों को विभाग से बड़े ठेके भी दिलाये हैं। खासतौर पर आयुष मिशन में सैनी के कई कारनामों के राज दफन हैं। मिशन में पिछले वर्षों के दौरान हुए करोड़ों के तमाम ठेकों में मंत्री से लेकर आयुष सोसाइटी के कई अफसरों ने खूब रेवडिय़ां खाई हैं।

अखिलेश भी गायत्री को बचाने पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट

सपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को खनन घोटाले की सीबीआई जांच से बचाने के लिए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन वहां से राहत तो नहीं मिली उल्टे सपा सरकार की फजीहत हो गई। अब ठीक इसी तर्ज पर यूपी सरकार भी आयुष फर्जीवाड़े में सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है।

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