अहमद को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने वाला फिरदौस अनंतनाग से गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk : एटीएस ने हिजबुल के संदिग्ध आतंकी मुरादाबाद निवासी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहीउद्दीन से मिली जानकारियों के आधार पर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से उसके ट्रेनर फिरदौस को गिरफ्तार किया है। हिजबुल मुजाहिदीन पीर पंजाल तंजीम से जुड़े आतंकी फिरदौस ने ही अहमद को जम्मू-कश्मीर के जंगलों में हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिलवाया था। उसने ही अहमद को हिजबुल मुजाहिदीन पीर पंजाल तंजीम की शपथ भी दिलाई थी।

रिमांड अवधि रविवार सुबह 10 बजे से आरंभ

एटीएस ने फिरदौस को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से गिरफ्तार किया था, जिसे ट्रांजिट रिमांड पर लाकर शनिवार को लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया गया। एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने फिरदौस की 14 दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर की है। रिमांड अवधि रविवार सुबह 10 बजे से आरंभ होगी। एटीएस अब फिरदौस व अहमद रजा का आमना सामना कराने के साथ ही दोनों को लेकर जम्मू-कश्मीर भी जाएगी।

फेसबुक व व्हाट्सएप के माध्यम से गाजी के लगातार संपर्क था

एटीएस अफसरों की मानें तो फिरदौस ने शुरुआती पूछताछ में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवाओं को जिहाद के लिए उकसाने व उनका संपर्क पाकिस्तानी हैंडलर एहसान गाजी से कराने की बात स्वीकार की है। वह फेसबुक व व्हाट्सएप के माध्यम से गाजी के लगातार संपर्क में रहता था। वहीं एटीएस संदिग्ध आतंकी अहमद रजा को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पहले उसे मुरादाबाद ले जाकर पिस्टल बरामद किए जाने की तैयारी है। शनिवार को एनआइए के अधिकारियों ने भी अहमद रजा से लंबी पूछताछ की है।

पूछताछ में सामने आई महत्वपूर्ण जानकारी को केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी साझा की गई है। एटीएस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसे पाकिस्तानी हैंडलर एहसान गाजी से उसे किस तरह के और निर्देेश मिले थे। यूपी एटीएस की एक टीम को मुंबई निवासी अमीना की तलाश में भी लगाया गया है। अमीना के माध्यम से ही अहमद का संपर्क एहसान गाजी से हुआ था। शुरुआती पड़ताल में अहमद का देवबंद कनेक्शन भी सामने आ रहा है।

पाकिस्तान से फिरदौस के पास आने थे हथियार

पड़ताल में सामने आया कि पाकिस्तान में बैठे एहसान गाजी के माध्यम से फिरदौस को हथियारों की खेप भेजी जाने थी। आशंका है कि फिरदौस ने अहमद की तरह अन्य युवकों को भी हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिलाया था और वह कोई बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। वह व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी युवाओं में आतंक का जहर घोल रहा था।

डिलीट डेटा रिकवर के लिए एफएसएल से मांगी मदद

बताया जा रहा है कि फिरदौस ने पकड़े जाने से पहले अपने मोबाइल से काफी डाटा व कई एप डिलीट कर दिए थे। एटीएस अब उसके मोबाइल की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराने के साथ ही डाटा को रिकवर कराने का प्रयास करेगी। उसके मोबाइल से कई पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं। एटीएस अब यह भी पता लगाने का प्रयास करेगी कि फिरदौस और किन-किन संगठनों से जुड़ा है। उसके व अहमद रजा के सीधे संपर्क में रहे कई संदिग्ध युवकों की छानबीन भी तेज की गई है।

दादा रहे प्रधान, पिता हिस्ट्रीशीटर और बेटा संदिग्ध आतंकी

हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख के दादा लियाकत हुसैन का गांव में दबदबा रहा है। वह गांव के प्रधान रहते थे या फिर जिसे वह चुनाव लड़ाते वही प्रधान चुना जाता था।

लियाकत हुसैन तीन बार मुरादाबाद के गुलड़िया ग्राम पंचायत के प्रधान रहे थे, लेकिन बेटे फिरासत हुसैन की आपराधिक गतिविधियां में संलिप्तता सामने आने के बाद उनका दबदबा कम होने लगा था। इसके बाद वह दो बार चुनाव हर गए थे। एक बार फिरासत हुसैन ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं मिली थी। गुलडिय़ा और मिलक मुलडिय़ा गांव एक ही ग्राम पंचायत में आते हैं। दोनों गांवों की सियासत की बागडोर लंबे समय तक लियाकत हुसैन के परिवार के हाथ में रही थी। तीन बार लियाकत हुसैन प्रधान रहे।

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