Lucknow Crime: बीमा एजेंटों के धोखे से आहत रिटायर उपनिदेशक ने लगाई थी फांसी

पत्नी का आरोप मकान की डील कर लिए 52 लाख, नहीं की रजिस्ट्री, रुपए वापस मांगने पर पति को धमकाया

Sandesh Wahak Digital Desk : कृषि विभाग के रिटायर उपनिदेशक राम प्रताप ने बीमा एजेंटों के धोखे के कारण फांसी लगा कर खुदकुशी की थी। यह आरोप लगाते हुए राम प्रताप की पत्नी उषा ने पीजीआई कोतवाली में राघवेंद्र सिंह और धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत गंभीर में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपियों ने एक मकान का सौदा कृषि अधिकारी से करते हुए 52 लाख रुपए लिए थे। जिसके बाद जमीन की रजिस्ट्री नहीं की और रुपए लौटाने से मना कर दिया था।

आशियाना एलडीए कॉलोनी निवासी उषा प्रताप ने बताया कि वर्ष 2019 में पति राम प्रताप कृषि विभाग झांसी में उप निदेशक के पद से रिटायर हुए थे। सेवाकाल में रहते हुए राम प्रताप ने तान्या इंटरप्राइेजज के संचालक राघवेंद्र सिंह और बीमा एजेंट धर्मेंद्र सिंह के जरिए तीन पॉलिसी ली थी। काफी दिनों से सम्पर्क होने के कारण राम प्रताप आरोपियों पर भरोसा करने लगे। दोनों लोग घर भी आते थे। इस दौरान ही राघवेंद्र और धर्मेंद्र ने ग्रैच्युटी से मिले रुपए को निवेश करने का ऑफर दिया।

पीजीआई थाने के दो एजेंटों पर मुकदमा दर्ज

पूछने पर पीजीआई के मीरापार्क पुरम में एक मकान दिखाया। करीब 1500 वर्ग फीट में बने मकान की कीमत 70 लाख रुपए बताई गई। पूर्व परिचितों के कहने पर राम प्रताप भी मकान लेने को राजी हो गए। उन्होंने राघवेंद्र और धर्मेंद्र के कहने पर करीब 52 लाख रुपए बताए गए खातों में जमा कर दिए। वहीं, 18 लाख रुपए रजिस्ट्री के वक्त देने की बात तय हुई। उषा ने बताया कि रुपए मिलने के बाद राघवेंद्र और धर्मेंद्र का रवैया बदल गया। वह लोग रजिस्ट्री करने में टाल मटोल करने लगे।

लाखों रुपए फंसने से राम प्रताप काफी परेशान रहने लगे। इस बीच बेटी का रिश्ता भी तय हो गया। अगस्त 2022 में काफी प्रयास के बाद राम प्रताप की आरोपियों से मुलाकात हुई। रुपए वापस मांगते हुए राम प्रताप ने कहा कि बेटी की शादी तय है। उषा ने बताया कि पति के साथ वह भी राघवेंद्र और धर्मेंद्र से मिन्नत करने लगी। लेकिन आरोपी रुपए वापस करने को तैयार नहीं हुए। राघवेंद्र और धर्मेंद्र के धोखे से राम प्रताप को गहरा आघात लगा और 13 दिसंबर 2022 को उन्होंने घर में रस्सी का फंदा बना कर फांसी लगा ली।

पीड़िता ने पीजीआई कोतवाली में दी तहरीर

राम प्रताप के खुदकुशी करने की जानकारी होने पर राघवेंद्र और धर्मेंद्र ने उषा से सम्पर्क किया। वह लोग रुपए लौटाने का दावा करते हुए पुलिस में शिकायत नहीं करने की बात कहने लगे। मुसीबत में फंसी उषा ने आरोपियों पर विश्वास कर लिया। करीब दस महीने तक दोनों लोग बहाने बनाते रहे। जिससे उबकर पीड़िता ने पीजीआई कोतवाली पहुंच कर तहरीर दी। इंस्पेक्टर राणा राजेश सिंह ने बताया कि राघवेंद्र और धर्मेंद्र के खिलाफ अमानत में खयानत, खुदकुशी के लिए उकसाने, गाली गलौज, धमकी और एससीएसटी एक्ट की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है।

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