Lucknow: एटीएस के एएसपी पर रेप का मुकदमा, पत्नी और चार दोस्त भी नामजद

Sandesh Wahak Digital Desk : यूपी पुलिस की फजीहत होने के बाद एटीएस में तैनात एएसपी राहुल श्रीवास्तव के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार थाने में दुष्कर्म, जबरन गर्भपात और धमकी का मुकदमा दर्ज कर ही लिया गया।

मुकदमे की कार्रवाई आरोपी पुलिस अफसर के संबंध में लगाये गये आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद हुई है। जांच का जिम्मा महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की एसपी रवीना त्यागी के पास था। सूत्रों की माने तो विभागीय जांच में भी पीडि़ता के आरोप सही पाये गये हैं।

पीड़िता ने एएसपी की लखनऊ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी डॉ. मानिनी श्रीवास्तव और चार दोस्तों सौरभ, सतीश, विक्रम व सिद्धार्थ पर धमकाने का आरोप लगाया था। गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज मुकदमे में इन सभी लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाते हुए नामजद किया है। पीड़िता के दर्द को ‘संदेश वाहक’ ने उठाते हुए 27 दिसंबर को इस संबंध में खबर भी प्रकाशित की थी।

बचने के लिए तमाम हथकंडे अपनाता रहा एएसपी राहुल, अब बढ़ी मुश्किलें

एटीएस में तैनात एएसपी राहुल श्रीवास्तव पर यौन शोषण और जबरन गर्भपात का आरोप लगाने वाली शोध छात्रा करीब दो माह तक गोमतीनगर विस्तार थाने, 1090 और अधिकारियों के चक्कर लगाती रही। हर बार अधिकारी जांच की बात कहकर उसे टालते रहे।  लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। सोशल मीडिया पर वह इंसाफ पाने के लिए ट्वीट कर गुहार करती रही। मामले को गले की फांस बनता देख आखिरकार पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया।

जल्द पुलिस कराएगी पीड़िता का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान

निर्देश मिलते ही शुक्रवार रात 12:15 बजे गोमतीनगर विस्तार पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले की जांच निरीक्षक सुनील कुमार यादव को सौंपी गई है। मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी राहुल श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ गई है। दो-तीन दिन के अंदर पुलिस पीड़िता का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराएगी। माना जा रहा है कि बयान के बाद आरोपी की गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।

गोतीनगर विस्तार के एक अपार्टमेंट में रहने वाली शोध छात्रा ने बताया कि वर्ष 2018 में वह नाबालिग थी। साथ ही यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान एएसपी राहुल श्रीवास्तव से मुलाकात हुई। उन्होंने यूपीएससी क्लियर कराने की बात कही। साथ ही कई बार स्टडी मैटेरियल भी देने के लिए आते थे। वर्ष 2019 में रिसर्च वर्क के बहाने एएसपी ने उसे घर और होटल में बुलाया। आरोप है कि नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ एएसपी ने दुष्कर्म किया। होश में आने पर पीडि़ता ने विरोध किया तो एएसपी ने मोबाइल से ली गई उसकी अश्लील फोटो और वीडियो दिखाया।

फोटो वायरल करने की धमकी देकर करता रहा दुष्कर्म

यह देख पीड़िता शांत हो गई। इसके बाद से एएसपी करीब चार साल तक उसका यौन शोषण करते रहे। कई बार पीड़िता ने विरोध किया तो उसकी फोटो घरवालों को वायरल करने की बात कही। अप्रैल 2023 में पीडि़ता गर्भवती हुई। यह बात उसने एएसपी से बताई तो उन्होंने धोखे से गर्भपात करा दिया। पीडि़ता ने पुलिस में शिकायत की बात कही। इसपर एएसपी ने उसके माता पिता को धमकाया।  गर्भपात के कारण शरीर में दिक्कत आती देख आखिरकार पीडि़ता ने हिम्मत जुटाई थी।

पीड़िता का कहना है कि उसने डीजीपी और स्पेशल डीजी (अब डीजी) से गुहार की थी, जिसपर अफसरों ने जांच के बाद कारवाई की बात कही। इसके बार वह लखनऊ कमिश्नरेट के अफसरों से मिली। अफसरों ने जांच की बात कही। पीडि़ता ने महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की एडीजी पद्मजा चौहान से मुलाकात कर शिकायत की।

एडीजी के आदेश पर मिली थी पीड़िता को सुरक्षा

पीड़िता की शिकायत को एडीजी पद्मजा चौहान ने गंभीरता से लेते हुए 4 नवंबर को पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर को पत्र लिखकर पीडि़ता को सुरक्षा देने को कहा था। उसका का कहना है कि उसने जेसीपी कानून व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल को भी फोन कर मदद मांगी थी, जिसपर अफसर ने जांच की बात कही थी।

कई बार लिया गया उसका और माता पिता का बयान: पीड़िता

पीड़िता ने बताया कि 19 दिसंबर को महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन मुख्यालय की एसपी रवीना त्यागी ने पत्र भेजकर 22 दिसंबर को बयान के लिए बुलाया था। पीड़िता का कहना है कि एसपी ने उसके, उसके माता पिता के कई बार बयान लिए थे। इसके बाद एसपी ने एएसपी राहुल श्रीवास्तव को भी बयान के लिए तलब किया था। सूत्रों की माने तो बयान के लिए एएसपी हाजिर नहीं हो रहा था। जिसपर एडीजी ने अधिकारियों को सारी बात बताई थी।

पत्नी और दोस्तों ने भी धमकाया

पीड़िता ने बताया कि वह मामले को लेकर एएसपी के घर भी गई थी। वहां उनके पत्नी डॉ. मानिनी ने उसे धमकाया था। यही नहीं एएसपी राहुल श्रीवास्तव के चार दोस्तों सतीश, विक्रम, सौरभ, सिद्धार्थ व अन्य मिलकर उसपर शिकायत लेने का दबाव बनाया था। यही नहीं धमकाया था कि अगर शिकायत की तो जान से मार देंगे। परिवार को झूठे केस में फंसा देंगे।

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