मंडी परिषद घोटाला : लंबी है सहायक अभियंताओं के गुनाहों की फेहरिस्त

Sandesh Wahak Digital Desk : सेवानिवृत्त सहायक अभियंता लालचंद्र सिंह और बांदा में तैनात सहायक अभियंता आत्माराम सरोज के गुनाहों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। इन्होंने प्रयागराज निर्माण खंड में ही नहीं बल्कि अन्य जनपदों में भी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है।

दोनों अवर अभियंताओं के कारनामे लाल डायरी में तो दर्ज हैं ही बाकी कारनामे फाइलों में दबे हुए हैं। यह फाइलें भी जल्द खुलने जा रही हैं। कौशांबी में 765 सड़कों के फर्जी निर्माण का मामला पुन: डिप्टी सीएम कार्यालय में पहुंच गया है। इस मामले की फिर से जांच कराने पर विचार भी किया जा रहा है।

प्रयागराज ही नहीं बांदा और फतेहपुर में भी खूब किया गया भ्रष्टाचार

मंडी परिषद से जुड़े एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि लालचंद्र सिंह पर प्रयागराज में फर्जी भुगतान करने का आरोप पहले से है ही, साथ ही बांदा में उपनिदेशक का प्रभार मिलने के बाद नवीन मंडी स्थल कर्वी में काफी फर्जी भुगतान इनके द्वारा किया गया था। इस मामले की ठीक से जांच होने के बाद लालचंद्र सिंह के गुनाह सामने आ जाएंगे।

फतेहपुर में मंडी स्थल के अंदर दो करोड़ का फर्जी कार्य इनके द्वारा कलावती विल्डर्स तथा रजत कंस्ट्रक्शन के फर्म पर कराया गया। मौके पर सारा कार्य ध्वस्त पड़ा हुआ है। इनके माध्यम से दो करोड़ रुपए का बंदरबांट भी कर दिया गया।

दोनों सहायक अभियंताओं में एक रिटायर्ड दूसरा तैनात

इनके द्वारा जो भी गड्ढा मुक्ति का कार्य कराया गया, उसमें किसी भी मार्ग की लंबाई पूरी नहीं है। 200 से 400 मीटर का बिल अधिक बनाकर भुगतान करा दिया गया। इसी तरह आत्माराम सरोज ने निर्माण खंड प्रयागराज में 2007 से 2019 तक खूब फर्जी खेल खेला। इसके पश्चात बांदा स्थानांतरण हो जाने के बाद वहां भी गड्ढा मुक्ति अभियान में कारनामे किए गए हैं।

चार करोड़ की लागत में बने छात्रावास में भी भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक मंडी मुख्यालय से जुड़ा कोई अधिकारी निरीक्षण करने नहीं पहुंचा है। अधिकारियों के मुताबिक जांच होने के पर आत्माराम सरोज की सारी कलई खुल जाएगी।

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