मिशन 2024: इस बार भी भाजपा सांसदों को ‘मोदी लहर’ का ही सहारा

भाजपा मिशन 2024 के खातिर महाजनसंपर्क अभियान चलाकर पूरे उत्तर प्रदेश को मथने की तैयारी में है। भाजपा का लक्ष्य केंद्र सरकार और सांसदों की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड आम जनता तक पहुंचाना है।

Sandesh Wahak Digital Desk: भाजपा मिशन 2024 के खातिर महाजनसंपर्क अभियान चलाकर पूरे उत्तर प्रदेश को मथने की तैयारी में है। भाजपा का लक्ष्य केंद्र सरकार और सांसदों की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड आम जनता तक पहुंचाना है। इसके बावजूद भाजपा सांसद अभी भी सिर्फ मोदी और योगी के सहारे अपनी नैया इस बार भी पार लगाने के प्रयास में है। उनको अपनी उपलब्धियों के लिए कड़ी मशक्कत से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में यूपी में सभी लोकसभा सीटें जीतने का मिशन 80 का लक्ष्य दूर की कौड़ी साबित हो सकता है।

गुरुवार को शीर्ष नेतृत्व ने यूपी के सभी सांसदों से प्रदेश भर में प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी उपलब्धियों का ब्योरा जनता के समक्ष रखने का फरमान सुनाया था। लेकिन सांसदों ने सिर्फ मोदी और योगी सरकार के कार्यों का ही बखान किया। सांसदों को इस बार भी यकीन है कि मोदी लहर पर सवार होकर विजय पक्की है। जिन सांसदों ने उपलब्धियों का ब्योरा गिनाया भी, उनमें ऐसे विकास कार्य शामिल थे। जो विधायकों ने पूर्व में कराये थे।

कई सांसदों का टिकट कटना तय

महाजनसंपर्क अभियान को भाजपा माह भर तक चलाएगी। ऐसे में सांसदों का ये रवैया परेशानी का सबब बन सकता है। पार्टी के खेवनहारों ने इस बार पूरी रूपरेखा केंद्रीय उपलब्धियों के इर्द गिर्द ही रखी है। इस बार यूपी के अनेक सांसदों के टिकट कटने तय हैं। शीर्ष नेतृत्व ने सांसदों को अपनी छवि सुधारने का मौका दिया था। जिसमें सांसदों का प्रदर्शन शुरुआत में ही निराशाजनक रहा है।

हालांकि भाजपा के आंतरिक सर्वे में पहले ही कई सांसदों का फीडबैक खराब पाया गया था। जिसकी जानकारी राष्ट्रीय महामंत्री संगठन सुनील बंसल को पहले से है। उन्होंने ही सांसदों को उपलब्धियां बताने के निर्देश दिए थे। सभी लोकसभा क्षेत्रों से लेकर बूथ स्तर तक भाजपा ने महाजनसंपर्क अभियान का जो खाका खींचा है। उस पर वर्तमान सांसद कैसे खरे उतरेंगे। ये एक बड़ा सवाल है।

लोकसभा चुनाव बाद होगा योगी मंत्रिमंडल का विस्तार

योगी सरकार के विस्तार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दिल्ली दरबार से मिले संकेतों के बाद मंत्रिमंडल में कोई भी फेरबदल मिशन 2024 के बाद होने की प्रबल संभावना है। हालांकि मोदी सरकार के प्रस्तावित विस्तार में यूपी के सांसदों को केंद्रीय मंत्री के तौर पर सौगात मिल सकती है। शीर्ष नेतृत्व यूपी में जातीय समीकरणों और सियासी प्रभुत्व को देखते हुए नए चेहरों को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करेगा।

यूपी में मिशन 80 के लक्ष्य से पार्टी फिलहाल कोई समझौता करने के मूड में नहीं है। प्रदेश में जिन मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में मौका मिलेगा, उनका हश्र देखने के बाद ही योगी सरकार के विस्तार का खाका खींचा जाएगा।

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