ऑनलाइन गेमिंग/लॉटरी घोटाला: STF ने गैंग के 2 सदस्य कानपुर से दबोचा, जानिए कैसे करते थे फ्रॉड?

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने कूटरचित दस्तावेज़ों का उपयोग करके ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी घोटाला (स्कैम) संचालित करने वाले एक संगठित गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों को कानपुर नगर से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है।

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी सगे भाई हैं, जिनकी पहचान रजत केशरी (25 वर्ष) और किशन केशरी (23 वर्ष) (दोनों निवासी किदवई नगर, कानपुर, मूल निवासी वाराणसी) के रूप में हुई है।

ऐसे होता था ऑनलाइन लॉटरी घोटाला

STF को सूचना मिली थी कि राज्य में कई संगठित गिरोह fake वेबसाइट बनाकर अवैध रूप से ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी चला रहे हैं। STF की साइबर टीम ने जांच शुरू की और पाया कि कानपुर से https://playbhagyalaxmi.net.in/ नामक वेबसाइट के माध्यम से यह घोटाला संचालित किया जा रहा था।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने यह वेबसाइट अपने मौसा महेंद्र केशरी और रजनीश कुमार दुबे (वेबट्रॉन टेक्नोलॉजी के निदेशक) के माध्यम से बनवाई थी।

उनकी कार्यप्रणाली (Modus Operandi) इस प्रकार थी:

ग्राहकों को “जीतने पर दस गुना धन” देने का लालच दिया जाता था। ग्राहक काउंटर या व्हाट्सएप के माध्यम से 0 से 9 नंबरों तक के टिकट बुक करते थे। टिकटों के डेटा को एक सॉफ्टवेयर (thefun.co.in) पर फीड किया जाता था। 20 मिनट बाद, सॉफ्टवेयर के जरिए वह नंबर विजेता घोषित किया जाता था, जिसके टिकट सबसे कम खरीदे गए हों। वे कूटरचित दस्तावेज़ों का उपयोग करके सिम कार्ड खरीदते थे। इन्हीं सिम कार्ड से व्हाट्सएप अकाउंट और ग्रुप बनाकर अवैध लॉटरी का काम किया जाता था। ठगी से आने वाले पैसों के लेनदेन के लिए भी कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर कई फ़र्मों के नाम से बैंक खाते खोले गए थे।

बरामदगी और गिरोह का विस्तार

गिरफ्तार भाई, जो 2022 में नौकरी के बाद पुणे (महाराष्ट्र) चले गए थे, ने बताया कि यह अवैध काम उत्तर प्रदेश के वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, प्रयागराज, कानपुर समेत अन्य राज्यों में भी संचालित किया जा रहा है।

बरामदगी

  • 05 मोबाइल फोन (सिम कार्ड सहित)
  • 03 लैपटॉप
  • 03 एटीएम कार्ड
  • 02 पैन कार्ड
  • 03 आधार कार्ड (एक कूटरचित)

STF के अनुसार, इस गिरोह को मुख्य रूप से महेंद्र केशरी, संदीप कटारिया, शिवम केशरी, सत्यम केशरी (पुणे से) और संदीप पाठक (प्रयागराज से) चला रहे हैं। इस गिरोह द्वारा राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं और बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। इस मामले में थाना किदवई नगर, कानपुर नगर में सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

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