मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था, 500 वर्षों का संघर्ष पूरा : सीएम योगी

श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण होने के उपरांत सीएम ने प्रकट किए अपने मनोभाव

Sandesh Wahak Digital Desk : 500 वर्षों के लबे अंतराल के उपरांत आज के इस चिरप्रतीक्षित मौके पर अंतर्मन में भावनाएं कुछ ऐसी हैं कि उन्हें व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है। निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा ही अनुभव कर रहे होंगे।

आज इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर- हर ग्राम अयोध्याधाम है। हर मार्ग श्रीरामजन्मभूमि की ओर आ रहा है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगा है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। रोम रोम में राम रमे हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है हम त्रेतायुग में आ गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या स्थित राम मंदिर में ‘रामलला’ की प्राण प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि अवधपुरी में रामलला का विराजना रामराज्य की स्थापना की उद्घोषणा भी है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा किए जाने के बाद उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा श्री राम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है। यह राष्ट्र मंदिर है। निसंदेह श्री राम लला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का एक ऐतिहासिक अवसर है।

ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर, हर गांव अयोध्या धाम

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर, हर गांव अयोध्या धाम है। हर मार्ग श्री राम जन्मभूमि की ओर आ रहा है। हर मन में राम नाम है। हर आंख, हर स्वर संतोष के आंसुओं से भीगी है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। रोम रोम में राम हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है हम त्रेता युग में आ गए हैं। उन्होंने कहा, “निश्चिंत रहिए। प्रभु राम की कृपा से अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा।

रामराज्य भेदभाव रहित समरस समाज का द्योतक

अयोध्या की गलियों में अब गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। कर्फ्यू नहीं लगेगा, अपितु दीपोत्सव रामोत्सव और श्री राम संकीर्तन से यहां की गलियां गुंजायमान होंगी। क्योंकि अवधपुरी में रामलला का विराजना राम राज्य की स्थापना की एक उद्घोषणा भी है। आदित्यनाथ ने कहा कि रामराज्य भेदभाव रहित समरस समाज का द्योतक है और हमारे प्रधानमंत्री की नीतियों, विचारों और योजनाओं का आधार है।

उन्होंने कहा कि प्रभु राम के भव्य दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। 500 वर्षों के लंबे अंतराल के उपरांत आज के इस चिर प्रतीक्षित मौके पर अंतरमन में भावनाएं कुछ ऐसी हैं जिन्हें व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है। निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे।

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