Lok Sabha Election 2024: किसके इशारों पर हो रही भाजपा में दागी नेताओं की इंट्री!

Sandesh Wahak Digital Desk: भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं। खुद पीएम ने केंद्रीय एजेंसियों को खुली छूट देने का एलान अपने हालिया साक्षात्कार में किया है। इसके बावजूद दागी नेताओं की भाजपा में इंट्री आखिर किसके इशारों पर हो रही है। बात पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्म सिंह सैनी की हो रही है।

 

धर्म सिंह सैनी

आयुष घोटाले में घूसखोरी के कलंक से सने सैनी न सिर्फ एसटीएफ और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं बल्कि इनके कई कारनामों की शिकायतें सीएम सचिवालय में जांच के इन्तजार में धूल फांक रही हैं। इसके बावजूद धर्म सिंह सैनी को एक दिन पहले भाजपा में शामिल करा दिया गया।

धर्म सिंह सैनी के ऊपर डेढ़ करोड़ की रिश्वत लेने का संगीन आरोप

आयुष घोटाले में दाखिल एसटीएफ की चार्जशीट में तत्कालीन विभागीय मंत्री धर्म सिंह सैनी के ऊपर डेढ़ करोड़ की रिश्वत लेने का संगीन आरोप है। इस घूसखोरी में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी भी हाथ काले किये बैठे हैं। हाईकोर्ट ने बेहद तल्ख़ टिप्पणियों के साथ घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश भी दिए थे। लेकिन सरकार की पैरवी पर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच रुकवा दी गयी। सूत्रों की माने तो खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मंत्री सैनी के भाजपा में शामिल होने के खिलाफ थे।

धर्म सिंह सैनी

तभी न सिर्फ एसटीएफ ने खुली छूट के साथ सैकड़ों छात्रों के भविष्य संग खिलवाड़ के इतने संगीन फर्जीवाड़े की जांच की बल्कि ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस तक दर्ज किया। कई बार सैनी ने भाजपा के कमल पर सवार होने का प्रयास किया, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। लेकिन इस बार धर्म सिंह सैनी के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के दाग भाजपा को किसके कहने पर अच्छे लगने लगे, ये एक बड़ा गंभीर सवाल है।

अनत मिश्रा, बाबू सिंह कुशवाहा और जितेंद्र कुमार सिंह बबलू

भाजपा की ज्वाइनिंग कमेटी पर भी उठ रहे गंभीर सवाल

भाजपा में दागियों का प्रवेश नया नहीं है। इससे पहले हाल ही में एनआरएचएम घोटाले के बड़े खिलाड़ी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनत मिश्रा उर्फ अंटू भाजपा मुख्यालय में कमल का साथ लेने आये थे। लेकिन मामला खुलने पर फजीहत के डर से उन्हें बाहर बैठने का फरमान सुना दिया गया। इसी घोटाले में दोषी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को 2012 में भाजपा ने दिल्ली में पार्टी में भर्ती किया था। चौतरफा फजीहत के बाद 24 घंटे में उनकी रुखसती करा दी गयी। इस मामले में भाजपा की ज्वाइनिंग कमेटी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अगस्त 2021 में जितेंद्र कुमार सिंह बबलू को पार्टी में शामिल करके निकाल दिया गया था। बबलू पर प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी का मकान जलाने का आरोप है।

दो साल पहले भी सैनी को बोला गया था गेटआउट

नवंबर 2022 में नगर निकाय चुनाव के दौरान यूपी के पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी की ज्वाइनिंग भाजपा में फाइनल कराई गई थी। वह सहारनपुर से खतौली के लिए सैकड़ों गाडिय़ों के काफिले के साथ निकले थे। सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी की नाराजगी के बाद रास्ते से उनके काफिले को वापस करा दिया गया था। वापसी की पृष्ठभूमि लखनऊ के बड़े नेता ने तैयार की थी, ऐन वक्त पर भाजपा लॉबी के दबाव में संगठन ने ज्वाइनिंग को वेटिंग में डाल दिया।

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