हैसिंडा घोटाला: बेनकाब होंगी नोएडा अथॉरिटी के तीन पूर्व सीईओ की संपत्तियां

मनी लॉन्ड्रिंग जांच में मोहिंदर सिंह, रमा रमण व संजीव सरन का बेनामी साम्राज्य तलाश रही ईडी

Sandesh Wahak Digital Desk: सैकड़ों करोड़ के हैसिंडा भूमि घोटाले की कलंक कथा लिखने में नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे तीन पूर्व सीईओ की गर्दन पूरी तरह ईडी के हाथ में आ चुकी है।

अथॉरिटी के मुखिया रहे पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर पड़े छापों ने जहां उनकी बेनामी सम्पत्तियों और काली कमाई के कई राज बेनकाब किये थे। वहीं अब पूर्व आईएएस रमारमण और संजीव सरन पर भी मनी लांड्रिंग की जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। ईडी के अफसरों ने तीनों पूर्व आईएएस की सम्पत्तियों की जानकारियां जुटाना शुरू कर दिया है।

छापे में मिली थीं मोहिंदर की संपत्तियां व करोड़ों के हीरे

पिछले वर्ष इस घोटाले के सिलसिले में ईडी ने पंजाब से एनसीआर तक जबरदस्त छापे मारे थे। जिसमें मोहिंदर के पास करोड़ों के हीरे और सोने के आभूषण समेत तकरीबन एक अरब से ऊपर की बेनामी सम्पत्तियों से जुड़े अहम दस्तावेज मिले थे। पत्नी भी करोड़ों के हीरे लेकर विदेश गयी थी। कई चरणों में ईडी की पूछताछ मोहिंदर से हुई है। कई कंपनियों से लिंक मिले हैं।

पूर्व सरकारों में रमारमण ने किया नोएडा पर एकछत्र राज

हाल ही में पूर्व सीईओ रमारमण से भी ईडी ने कई घंटे तक कड़ी पूछताछ की। तमाम सवालों के जवाब उन्होंने नहीं दिए। रमारमण ने बसपा-सपा सरकारों के दौरान नोएडा पर एकछत्र राज किया। उनके कार्यकाल के दौरान घोटालों ने भी रिकॉर्ड तोड़ा।

इस प्रकरण में रमारमण ने ईडी की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। उन्हें जल्द दोबारा तलब कर पूछताछ की जायेगी। रमारमण की कई सम्पत्तियां रडार पर होने के साथ ही अथॉरिटी के बाकी अफसरों-कर्मियों से भी पूछताछ की तैयारी है।

संजीव सरन पर विदेशों में लग्जरी होटल होने के आरोप

अथॉरिटी के तीसरे पूर्व मुखिया संजीव सरन को भी पूछताछ का नोटिस जारी हुआ है। एजेंसी सम्पत्तियों की जानकारियां जुटा रही है। संजीव सरन पर पूर्व आईएफएस एके जैन ने अरबपति होने के आरोप लगाए थे। उन्होंने सीएम को भेजे पत्र में सरन के विदेशों में लग्जरी होटल बताये थे। ईडी की एक टीम तीनों पूर्व आईएएस की सम्पत्तियां खोजने के लिए लगाई गयी है।

यह था मामला : लोटस 300 प्रॉजेक्ट में 426 करोड़ का खेल

लोटस 300 प्रॉजेक्ट 426 करोड़ रुपये का घोटाला था। मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी मामले की जांच कर रही है। यह जमीन हैसिंडा प्रॉजेक्ट प्रा. लि. को लोटस 300 परियोजना विकसित करने के लिए दी गई थी। टाउनशिप विकसित करने के लिए करीब 36 हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी। बाद में कंपनी ने निवेशकों की रकम को हड़पने के साथ भूमि का बड़ा हिस्सा प्रतीक ग्रुप को बेच दिया था। इसकी नोएडा अथॉरिटी से अनुमति लेना तो दूर, भूमि के बदले दी जाने वाली रकम का भुगतान भी बंद कर दिया था।

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