ट्रंप प्रशासन पर फिर मुकदमा, अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर रोक के खिलाफ कोर्ट पहुंचा हार्वर्ड

वाशिंगटन: अमेरिका के प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। यह कदम तब उठाया गया जब अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने घोषणा की कि वह हार्वर्ड को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन की अनुमति नहीं देगा। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एलन गार्बर ने विश्वविद्यालय समुदाय को एक पत्र में बताया कि यह निर्णय सरकार की ओर से की जा रही “प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि हमने अपनी अकादमिक स्वतंत्रता के लिए कोई समझौता नहीं किया और यह कदम उसी का जवाब है। संघीय सरकार हमारे पाठ्यक्रम और छात्रों पर जबरदस्ती नियंत्रण थोपना चाहती है, जिसे हम स्वीकार नहीं करते। गार्बर ने कहा कि यह नीति न केवल हार्वर्ड के छात्रों बल्कि अमेरिका में पढ़ाई करने आए हज़ारों विदेशी छात्रों के भविष्य को भी खतरे में डालती है। उन्होंने कहा कि हार्वर्ड कानूनी रास्ते से इस फैसले का विरोध करेगा और अस्थायी राहत के लिए अदालत में याचिका भी दायर की गई है।

गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने निर्णय को सार्वजनिक करते हुए कहा था कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन कोई अधिकार नहीं बल्कि विशेषाधिकार है। हार्वर्ड ने बार-बार संघीय कानूनों का उल्लंघन किया है, इसलिए यह विशेषाधिकार समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने आगे चेतावनी दी कि न सिर्फ नए विदेशी छात्रों का नामांकन रोका जाएगा, बल्कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी अन्य संस्थानों में स्थानांतरित होना होगा, नहीं तो वे अपना कानूनी दर्जा खो सकते हैं। यह विवाद अप्रैल में शुरू हुआ था जब ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को पत्र भेजकर परिसर में यहूदी विरोधी घटनाओं और कुछ विविधता आधारित पहलों को समाप्त करने की मांग की थी। विश्वविद्यालय ने प्रशासन की इन मांगों को खारिज कर दिया था। इसके तुरंत बाद प्रशासन ने हार्वर्ड को दिए जाने वाले 2.2 बिलियन डॉलर के अनुदान और 60 मिलियन डॉलर के अनुबंधों पर रोक लगाने का एलान कर दिया।

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