लखनऊ कमिश्नरेट: महिला सुरक्षा ध्वस्त, 181 दिन में 171 रेप

Sandesh Wahak Digital Desk/Ganesh Ji Verma : नवाबों का शहर और प्रदेश की राजधानी लखनऊ महिलाओं के लिए कितनी सुरक्षित है इसका अंदाजा सिर्फ रेप के आंकड़ों को देखकर पता चलता है। प्रतिमाह 29 रेप की घटनाएं हुई हैं। ये तब है जब महिलाओं की सुरक्षा का दावा लखनऊ पुलिस हर समय करती है।

ये आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि पुलिस महिलाओं की कितना सुरक्षा कर पा रही है। पुलिस के आधिकारिक डाटा के मुताबिक एक जनवरी 2023 से लेकर 30 जून 2023 तक 171 रेप के मुकदमे दर्ज हुए है। यदि छह माह के दिनों को जोड़ा जाय तो कुल 181 दिन हुए। जहां 171 रेप हुए है। यदि यह कहा जाए कि लखनऊ में प्रतिदिन रेप हो रहे हैं तो गलत नहीं होगा।

पिछले साल हुए 313 रेप:

एक जनवरी 2022 से लेकर 31 दिसम्बर 2022 तक कुल 313 रेप की घटनाएं हुईं थीं। यदि देखा जाए तो पिछले साल 86 प्रतिशत रेप की घटनाएं हुईं जबकि वर्ष 2023 के मात्र छह माह में यह आंकड़ा लगभग 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

इस साल की कुछ प्रमुख घटनाएं:

कक्षा चार की छात्रा से रेप 22 मई 2023 को गोसाईगंज थाना क्षेत्र में मीट दुकानदार उमर कुरैशी ने कक्षा चार की छात्रा का रेप किया। गर्भवती होने पर गर्भपात करा दिया। किसी से बताने पर चाकू से काटने की बात करता था। इस मामले में घरवालों की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की।

दुराचार के बाद युवती की हत्या: 

आठ जून 2023 को इंदिरानगर थाना क्षेत्र में नाबालिग ने युवती की रेप करने के बाद हत्या कर दी। हथौड़े से नाबालिग ने सिर पर वार किया था।

अपहरण कर किशोरी से गैंगरेप:

कैंट इलाके में नाबालिग युवती का अपहरण कर आरोपियों ने युवती से 24 घंटे में तीन बार सामूहिक रेप किया। इरफान ने उसे अगवा कर अपने मित्र हलीम और आसिफ के साथ गैंगरेप किया। किशोरी बाराबंकी से कैंट में अपनी नानी के घर आई थी।

जेसीपी क्राइम व सीपी का फोन पीआरओ ने उठाया: इस मामले में जेसीपी क्राइम व मुख्यालय व सीपी से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन दोनों लोग का फोन पीआरओ ने उठाया।

मेरे पास डाटा नहीं है। जिले के डाटा के लिए जेसीपी क्राइम ही बता पाएंगे। ऐसे कुछ भी नहीं कह सकते है।

अपर्णा रजत कौशिक, डीसीपी सेंट्रल व मीडिया प्रवक्ता।

मैं इस बारे के कुछ नहीं बता सकता हूं। इसके लिए जेसीपी क्राइम ही बता पाएंगे। मेरा ये वर्जन लिख सकते हैं।

उपेंद्र कुमार अग्रवाल, जेसीपी (कानून व व्यवस्था)।

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