Sonia Gandhi का बीजेपी पर वार, बोलीं- लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को ध्वस्त कर रही मोदी सरकार

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए समान विचार वाले सभी दलों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह आरोप भी लगाया कि सरकार भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभों… विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को ध्वस्त कर रही है।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने एक अंग्रेजी दैनिक अखबार  में लिखे एक लेख में कहा ‘लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के प्रति सरकार की नफरत परेशान करने वाली है। भारत के लोगों को पता चल गया है कि जब बात आज के हालात को समझने की आती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कदम उनके शब्दों से कहीं ज्यादा तेज स्वर में स्थिति को बयां करते हैं’।

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पिछले कुछ महीनों में हमने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के प्रति भीतर तक घर कर गई अपनी नफरत का प्रदर्शन करते हुए उठाए गए कदमों के जरिए भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को ध्वस्त कर रही है’। सोनिया ने विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए कहा कि ‘भारत के संविधान और इसके आदर्शो की रक्षा करने के लिए कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों के साथ हाथ मिलाएगी’।

समान विचारधारा वाली पार्टियां के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार

उन्होंने कहा ‘हमारी लड़ाई लोगों की आवाज की रक्षा करने की है। कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल के तौर पर अपने कर्तव्य को समझती है और समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है’। कांग्रेस की शीर्ष नेता के मुताबिक कि ‘संसद के बीते सत्र के दौरान हमने देखा कि सरकार की रणनीति ने संसद को बाधित किया। विपक्ष को बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक विभाजन जैसे जनता से जुड़े मुद्दे उठाने से रोका, बजट, अडाणी घोटाला और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने से रोका’।

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद की कार्यवाही से भाषणों के अंश हटाने, संसद सदस्यों पर हमला करने और बहुत तेज गति से उन्हें सदस्यता से अयोग्य ठहराने जैसे कई अप्रत्याशित कदम उठाए। उनका इशारा राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की ओर था।

95 फीसदी राजनीतिक मामले विपक्षी पार्टियों के खिलाफ दर्ज

सोनिया (Sonia Gandhi) ने कहा कि 45 लाख करोड़ रुपये के बजट को बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। वित्त विधेयक को लोकसभा के जरिए पारित कराया गया और तब प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे। उन्होंने दावा किया कि यह सर्वविदित है कि मोदी सरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग करती है तथा 95 फीसदी राजनीतिक मामले विपक्षी पार्टियों के खिलाफ दर्ज हैं।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष (Sonia Gandhi) ने दावा किया कि ‘प्रधानमंत्री सत्य और न्याय के बारे में दिखावटी बयान देते हैं, जबकि उनके करीबी उद्योगपतियों के खिलाफ वित्तीय जालसाजी के मामले को नजरअंदाज कर दिया जाता है। मेहुल चोकसी जैसे भगोड़ों के खिलाफ इंटरपोल का नोटिस वापस ले लिया जाता है। बिल्कीस बानो के बलात्कारियों को रिहा कर दिया जाता है जो भाजपा के नेताओं के साथ मंच साझा करते हैं’।

सोनिया गांधी ने कहा कि चुप्पी साधने से भारत की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।

उनके मुताबिक कि ‘प्रधानमंत्री अपनी सरकार के ऐसे कदमों पर चुप्पी साध लेते हैं जो करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में बेरोजगारी और महंगाई शब्द का इस्तेमाल तक नहीं करतीं जैसे कि यह समस्याएं हैं ही नहीं’। उन्होंने कहा कि ‘किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के वादे पूरा नहीं होने के बाद प्रधानमंत्री सुविधाजनक ढंग से चुप्पी साध लेते हैं। खेती में लागत बढ़ने और फसलों का उचित दाम नहीं मिलने की समस्या बनी हुई है’।

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा भड़काई जाने वाली नफरत और हिंसा को प्रधानमंत्री नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने एक बार भी शांति और सद्भाव अथवा अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान नहीं किया’। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर संभव प्रयास करेगी कि वह अपने संदेश को जनता के बीच सीधे ले जाए जैसा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में किया गया था।

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