जंग अब बंदूक से नहीं, ड्रोन से जीती जाएगी, सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने खड़गा कोर में परखी ऑपरेशनल तैयारी

Sandesh Wahak Digital Desk: भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इन दिनों लगातार सैन्य तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने के बाद, उन्होंने अब खड़गा कोर का दौरा कर वहाँ की ऑपरेशनल तैयारियों का गहन निरीक्षण किया। यह दौरा इस बात पर ज़ोर देता है कि भारतीय सेना पारंपरिक युद्ध के तरीकों से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीक को अपना रही है।

ड्रोन और AI का बढ़ता बोलबाला

खड़गा कोर में सेना प्रमुख को युद्धक क्षमता को बढ़ाने, अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकियों के एकीकरण, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया। आधुनिक युद्ध में अब केवल बंदूक और तोपों का इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि ड्रोन, रोबोट और डेटा वॉरफेयर की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है, जिसकी एक मज़बूत झलक खड़गा कोर में देखने को मिली।

जनरल द्विवेदी ने कोर द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दिखाए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने ड्रोन डिज़ाइन और प्रशिक्षण में नवाचार के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स और प्रशासन में उन्नत तकनीकी समाधान अपनाने के प्रयासों की भी तारीफ़ की।

मिलिट्री-सिविल फ्यूजन पर जोर

सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि खड़गा कोर द्वारा मिलिट्री-सिविल फ्यूजन (सैन्य-नागरिक समन्वय) को बढ़ावा देकर सस्टेनेबल सिक्योरिटी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। अधिकारियों और जवानों से बातचीत के दौरान, जनरल द्विवेदी ने उनकी पेशेवर दक्षता, राष्ट्र सेवा के प्रति अटूट समर्पण और अनुशासन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की शक्ति उसके कर्मयोगियों की प्रतिबद्धता और साहस में निहित है।

बीकानेर में भी की थी समीक्षा

गौरतलब है कि हाल ही में सेनाध्यक्ष ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और सीमावर्ती क्षेत्रों का भी दौरा किया था। वहाँ भी उन्होंने आधुनिकीकरण, युद्धक तैयारियों और तकनीकी क्षमताओं को सुदृढ़ करने पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि उच्च ऑपरेशनल रेडीनेस बनाए रखने के लिए हर स्तर पर तकनीक को अपनाना ज़रूरी है।

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