बिजली मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच कुछ टकराहट है? अखिलेश यादव ने वीडियो शेयर कर क्यों कही ये बात

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल के आईसीयू वार्ड में बिजली गुल होने से मरीजों और उनके परिजनों को भीषण गर्मी और उमस में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि मरीजों के तीमारदार हाथ से पंखा झलकर उन्हें राहत देने की कोशिश कर रहे हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है, और विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा है।
अब क्या बिजली मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी के बीच भी कुछ टकराहट है, जिसके कारण स्वास्थ्य मंत्री जी के अपने जनपद हरदोई में मेडिकल कॉलेज की अलग लाइन होने के बावजूद भी आईसीयू वार्ड तक में बिजली न आने की ख़बरें बनीं। बीमार तो बीमार, जो तीमारदारी कर रहे हैं, वो भी पंखा हिलाते-हिलाते… pic.twitter.com/D9zduNMXHU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 21, 2025
अखिलेश यादव का सरकार पर तीखा हमला
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सरकार को घेरा। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा अब क्या बिजली मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी के बीच भी कुछ टकराहट है, जिसके कारण स्वास्थ्य मंत्री जी के अपने जनपद हरदोई में मेडिकल कॉलेज की अलग लाइन होने के बावजूद भी आईसीयू वार्ड तक में बिजली नहीं आ रही? बीमार तो बीमार, तीमारदार भी पंखा झलते-झलते बेहाल हैं।
अखिलेश ने आगे सरकार को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा “स्वास्थ्य मंत्री जी इधर-उधर की राजनीति छोड़ें। जितनी ऊर्जा वो इधर-उधर दौड़ने में लगा रहे हैं, उसका आधा भी अपने विभाग पर लगा दें तो तस्वीर बदल सकती है। वैसे भी सुना है अब वो तीसरे नंबर पर भी नहीं हैं… मोहरे बिछा दिए गए हैं, शह बाकी है। इंजन फेल है, सिर्फ डिब्बे बढ़ते जा रहे हैं।”
बिजली संकट और प्रशासन की प्रतिक्रिया
वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अस्पताल में तत्काल बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। लेकिन जनरेटर की कमी अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिससे इमरजेंसी सेवाएं लगातार प्रभावित हो रही हैं।
आईसीयू जैसे संवेदनशील विभाग में बिजली की कटौती होना सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि जान जोखिम में डालने वाला मामला है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों की हालत और बिगड़ सकती है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि बिजली बार-बार जाती है और बैकअप नहीं है। कई बार मरीजों को ऑक्सीजन या अन्य जरूरी मशीनों पर निर्भर होना पड़ता है, ऐसे में लाइट चली जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य तंत्र
- क्या मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े संस्थानों में बैकअप व्यवस्था पर्याप्त नहीं है?
- आईसीयू जैसी जान बचाने वाली यूनिट में बिजली कटौती की स्थिति कैसे उत्पन्न हुई?
- सरकार की घोषणाओं और जमीनी हकीकत में इतना बड़ा फासला क्यों?
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी न सिर्फ नीतिगत विफलता है, बल्कि इससे आमजन का जीवन भी संकट में पड़ जाता है।