दोहरा मापदंड: श्रवण साहू हत्याकांड में IPS पर कार्रवाई, IAS पर मेहरबानी

उत्तर प्रदेश की शीर्ष नौकरशाही में शुमार आईएएस (IAS) लॉबी बेहद ताकतवर है। तभी सीबीआई जैसी देश की टॉप एजेंसी भी ऐसे अफसरों के आगे घुटने टेकने को मजबूर है।

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश की शीर्ष नौकरशाही में शुमार आईएएस (IAS) लॉबी बेहद ताकतवर है। तभी सीबीआई जैसी देश की टॉप एजेंसी भी ऐसे अफसरों के आगे घुटने टेकने को मजबूर है। ये नजीर एक बार फिर सामने आयी है। लखनऊ के चर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में आईपीएस एसएसपी मंजिल सैनी के खिलाफ भले कार्यवाही शुरू हो गयी, लेकिन आईएएस गौरी शंकर प्रियदर्शी का अभी तक बाल बांका तक नहीं हुआ।

दरअसल सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने श्रवण साहू हत्याकांड की जांच में लखनऊ के तत्कालीन डीएम जीएस प्रियदर्शी (मौजूदा ग्राम विकास आयुक्त) और एसएसपी रही मंजिल सैनी को लापरवाही का दोषी पाया था। सीबीआई (एससीबी) के तत्कालीन एसपी देवेंद्र सिंह ने श्रवण साहू हत्याकांड में जांच के बाद लखनऊ प्रशासन के दोनों शीर्ष अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र मार्च 2021 में ही मुख्य सचिव को भेज दिया था। छह पेज के पत्र में दोनों बड़े अफसरों की कारगुजारियां लिखी थी। लेकिन अफसरों ने दोनों आरोपियों को बचाने के लिए एक साल तक पत्र को फाइलों में ही दफन कराये रखा।

IAS प्रियदर्शी ने संबंधी फाइल पर नहीं की थी कोई कार्रवाई

मुख्य सचिव को भेजे पत्र में सीबीआई ने लिखा था कि डीएम लखनऊ के पद पर आये आईएएस गौरी शंकर प्रियदर्शी (IAS Gauri Shankar Priyadarshi) ने भी श्रवण साहू को सुरक्षा देने संबंधी फाइल पर कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि इस दौरान सुरक्षा देने से संबंधित पेश हुई बाकी फाइलों को लखनऊ के डीएम प्रियदर्शी ने स्वीकृत किया था। 20 जनवरी, 2017 को महज तीन माह के लिए ही प्रियदर्शी डीएम लखनऊ के पद पर तैनात थे। नियुक्ति विभाग के बड़े अफसर के मुताबिक मुख्य सचिव को भेजा गया सीबीआई का पत्र अभी तक नहीं मिला है।

फिलहाल प्रियदर्शी ग्राम विकास आयुक्त की बढिय़ा पोस्टिंग पर तैनात है। सीबीआई ने एलआईयू के तत्कालीन सीओ एके सिंह को भी गंभीर लापरवाही का दोषी पाया था।

पूर्व एसएसपी मंजिल सैनी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू

सीबीआई के पत्र पर लखनऊ की पूर्व एसएसपी मंजिल सैनी के खिलाफ गृह विभाग के आदेश पर विभागीय कार्रवाई शुरू हुई है। सैनी ने अपनी सफाई में एक प्रेजेंटेशन भी गृह विभाग के अफसरों को दिया था। 2005 बैच की आईपीएस मंजिल सैनी के खिलाफ शासन ने एडीजी इंटेलीजेंस भगवान स्वरूप और अयोध्या के एसपी इंटेलीजेंस संजीव त्यागी को जांच अधिकारी बनाया है। मंजिल सैनी वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नेशनल सेक्योरिटी गाड्र्स (एनएसजी) के मुख्यालय में नई दिल्ली में डीआईजी पद पर तैनात हैं।

बेटे के हत्यारों ने श्रवण साहू को उतारा था मौत के घाट

सआदतगंज निवासी श्रवण साहू लगातार अपनी हत्या की आशंका जता रहे थे। उन्होंने लखनऊ के तत्कालीन पुलिस अफसरों से सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक फरवरी 2017 को उनकी भी हत्या कर दी गई। वह अपने बेटे के हत्याभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में पैरवी कर रहे थे। इस कारण अभियुक्तों द्वारा उन्हें भी जान से मार देने की धमकी दी जा रही थी।

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