Gonda: 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगा कोई सुराग, 11 वर्षीय मासूम की हत्या का मामला

Gonda News: जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के बेलावां अहिरनपुरवा गांव में 11 साल के मासूम अरूण यादव की निर्ममता पूर्वक हत्या कर शव को नदी के किनारे फेंकने की सनसनीखेज वारदात को 36 घंटे बीत गए लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं।

बताते चलें कि जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के बेलावां अहिरनपुरवा गांव निवासी जगन्नाथ यादव का 11 वर्षीय पुत्र अरूण यादव गुरुवार की शाम करीब 5 बजे घर से खेलने के लिए निकला था लेकिन देर शाम तक वापस नहीं आया। इस पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की लेकिन कहीं पता नहीं चला।

शुक्रवार की सुबह गांव से करीब चार सौ मीटर दूर स्थित मनोरमा नदी के किनारे झाड़ में उसका शव मिला तो इलाके में सनसनी फैल गयी। मौके पर पहुंचे परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गयी। घटना की सूचना मिलते ही सीओ सदर शिल्पा वर्मा, डॉग स्क्वायड व फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। कहोबा चौकी प्रभारी नीरज सिंह भी मयफोर्स पहुंचे और गहन जांच पड़ताल शुरू की।

पुलिस ने की थी ग्रामीणों से पूछताछ

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। देर शाम लाश घर आने तक पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। इस बीच अपरान्ह अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज भी पहुंचे और घटना के बारे में जानकारी हासिल कर शीघ्र खुलासा का निर्देश दिया। मृतक बालक के पिता जगन्नाथ यादव ने बताया कि पुलिस गांव के कुछ लोगों को थाने ले गई थी जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। गांव के जयप्रकाश ने बताया कि डॉग स्क्वायड टीम आई थी।

गांव में जब डॉग लेकर चले तो वह टीम के साथ ही था। उसने बताया कि वसीम और नक्कन के पास जब टीम पहुंची तो डॉग दोनों के पास रूक गया और पैरों को उनके ऊपर रखकर भोंकने लगा। इन दोनों को भी पुलिस शुक्रवार को उठाकर थाने पर ले गयी लेकिन शाम को छोड़ दिया। शनिवार को भी मोतीगंज थानाध्यक्ष प्रतिभा सिंह व कहोबा चौकी प्रभारी नीरज सिंह अहिरनपुरवा गांव में थे। उन्होंने घटना के संबंध में परिजनों से पूछताछ की।

पुलिस ने की पीड़ित परिवार से पूछताछ

परिजनों ने बताया कि उनसे थानाध्यक्ष ने पूछा कि कब घर से निकला था। क्या बताकर गया था। हालांकि, यही पूछताछ पुलिस द्वारा घटना के दिन शुक्रवार को भी परिजनों से की गयी थी और शनिवार को भी वही सवाल दोहराए गए। मृतक अरूण की मां ने बताया कि वह बिना कुछ बताए घर से निकला था। अक्सर दोस्तों के साथ खेलने-कूदने निकल जाता था।

गुरुवार को भी वह बिना कुछ बताए गया था। परिजनों ने सोचा कि खेलने के बाद ट्यूशन पढ़ने चला गया होगा लेकिन जब देर शाम तक घर वापस नहीं आया तब खोजबीन शुरू की और शुक्रवार को मनोरमा नदी के किनारे उसकी लाश मिली। मासूम बालक की हत्या को 48 घंटे बीत गए। शव मिले भी 36 घंटे गुजर गये लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे अहिरनपुरवा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई गमजदा है लेकिन पुलिस जांच पड़ताल के नाम पर सिर्फ लकीर पीट रही है।

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