Health Tips: गले में इंफेक्शन हो तो इन बातों का रखें ध्यान, ऐसे रहें सावधान

गले में इंफेक्शन आजकल विशेष रुप से कोरोना के आक्रमण के बाद एक बेहद ही आम समस्या बनती जा रही है।

Sandesh Wahak Digital Desk: गले में इंफेक्शन आजकल विशेष रुप से कोरोना के आक्रमण के बाद एक बेहद ही आम समस्या बनती जा रही है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी कि इम्युनिटी पावर के कम हो जाने से ये कई कारणों जैसे कि बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन और एलर्जी के कारण होता है। कई बार मौसम का बदल और फ्लू की वजह से भी गले में इंफेक्शन होता है।

विशेष रुप से यह तीन तरीके से हो सकता है। जैसे कि मुंह के ठीक पीछे के क्षेत्र में, टॉन्सिल में और वॉइस बॉक्स में। लोग अक्सर इसके उन्हीं लक्षणों पर ध्यान देते हैं जो कि गला से जुड़ा होता है लेकिन कई लक्षण ऐसे भी होते हैं जो कि गले के अलावा शरीर के दूसरे अंगों में भी नजर आते हैं। आइए जानते हैं इसके विशेष लक्षणों के बारे में…

शरीर में दर्द

जब हमारे गले के अंदर सूजन होती है तो इसे फैरिन्जाइटिस कहते हैं। इसमें गले में सूजन के साथ-साथ खराश और दर्द का सामना भी करना पड़ता है। ये एक प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है और बढ़ने पर इसके कारण सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और गर्दन में तेज दर्द महसूस होता है।

खांसी और बलगम

गले में इंफेक्शन जो कि बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है तो कई बार ये खांसी जैसा भी महसूस होता है। इसमें पीला, हल्का भूरा या हरी बलगम वाली खांसी होती है। खास बात ये है कि इसमें फेफड़ों में ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता है और ज्यादातर लक्षण गले में ही महसूस होता है।

बुखार और ठंड लगना

स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया के कारण होने वाले गले और टॉन्सिल का संक्रमण है जिसमें बुखार और ठंडे लगने जैसी चीजें महसूस होती हैं। इसमें कुछ विशिष्ट लक्षण नजर आते हैं जैसे कि गले में खराश, ठंड लगना, बुखार और गर्दन में सूजन लिम्फ नोड्स से जुड़ी समस्याएं। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये गंभीर हृदय और गुर्दे की जटिलताओं का कारण भी बन सकता है।

आवाज का बैठना

गले में इन्फेक्शन होने पर आवाज रह-रह कर बार बार बैठ सकती है। कई बार लग सकता है कि गले में कुछ अटका हुआ है जबकि ये गले में सूजन में इंफेक्शन के कारण होती है।

निगलने में कठिनाई

इंफेक्शन होने पर कई बार निगलने में कठिनाई होती है खास कर कि जब बैक्टीरियल इंफेक्शन हुआ हो। इस दौरान होता ये है कि इंफेक्शन तेजी से फैल रहा होता है और हमारे खाने-पीने के तरीके को प्रभावित करता है। फिर निगलने वाली मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे निगलने में दिक्कत महसूस हो सकती है।

टॉन्सिल या गले में सफेद दाने

टॉन्सिलिटिस एक सामान्य शब्द है जो टॉन्सिल के संक्रमण को परिभाषित करता है। यह संक्रमण आमतौर पर बैक्टीरिया अथवा वायरस के कारण होता है जब ये टॉन्सिल के संक्रमण से लड़ने की कोशिश करते हैं, तो वे सूज जाते हैं और सफेद मवाद पैदा कर सकते हैं। ऐसे में कई बार टॉन्सिल या गले में सफेद दाने भी होते हैं।

गले का बार-बार सूखना

गले का बार-बार सूखना इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। जब मांसपेशियों में संक्रमण के कारण सूजन होने लगती है तो गला लार नहीं बना पाता है और रह-रह कर सूखने लगता है।

क्या करें?

अपने प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखना अति आवश्यक है। जैसे- नियमित रूप से कसरत व्यायाम करना, नशे की वस्तुओं से यथासंभव दूर रहना, मांसाहार से यथासंभव दूर रहना, अत्यधिक तैलीय वस्तुएं न खाना, सूखे मेवे, हरी सब्जी, गरम सूप एवं ताजे फलों पर ज्यादा जोर देना इत्यादि अच्छी आदतों को अपनाकर। यदि नियमित रूप से करके अपने जीवन शैली को सुव्यवस्थित रखा जाए तो काफी हद तक ऐसी बीमारियों से बचा जा सकता है। इन सबके साथ ही साथ…

  • गुनगुना गर्म पानी से दिन में तीन बार गरारे करें।
  • बासी खाना ना खाएं। ताजा खाना खाएं।
  • फ्रिज में से तुरंत निकाल कर पानी ना पिए।
  • कोल्ड ड्रिंक और चिल्ड बियर बिल्कुल ना पिए।
  • यदि गले में खराज सर्दी जुकाम बुखार सिर दर्द मांसपेशियों में बार-बार दर्द महसूस हो तो बाजार से जंक फूड अथवा फास्ट फूड मंगवाकर बिल्कुल न खाएं।

गले में इंफेक्शन के ये लक्षण अगर बार-बार नजर आए तो इसे नजरअंदाज ना करें। साथ ही घरेलू उपायों को करने के साथ ही साथ अपने चिकित्सक से बात करें और इसका पूरी तरीके से इलाज करवाएं।

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