करोड़ों के फर्जी भुगतान की जांच एकपक्षीय, विवेचक को लगी फटकार, विशेष जज ने निरस्त की विवेचना

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पहाड़िया मंडी में निर्माण घोटाले का मामला

Sandesh Wahak Digital Desk:  प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पहाड़िया मंडी में हुए निर्माण घोटाले में पूरे मंडी परिषद की कलई खुल गई। इतने बड़े भ्रष्टाचार को दबाने के लिए मंडी प्रशासन द्वारा किए गए सारे इंतजाम ध्वस्त हो गए। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) वाराणसी ने न सिर्फ विवेचक को गलत विवेचना करने के लिए फटकार लगाई बल्कि विवेचना को निरस्त कर दिया।

साथ ही नियमानुसार अग्रिम विवेचना करने का आदेश दिया। अदालत के आदेश के बाद पहाडिय़ा मंडी के घोटालेबाजों में हडक़ंप मच गया है। जबकि आरोप-पत्रों की विभागीय जांच करने वाले संयुक्त निदेशक निर्माण इंदल प्रसाद ने दो वर्ष बाद भी जांच नहीं शुरू की है।

गौरतलब हो कि वाराणसी के पहाड़िया मंडी में पौने चार करोड़ के फर्जी भुगतान प्रकरण सामने आया था। राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के तत्कालीन निदेशक जेपी सिंह ने न सिर्फ आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया था बल्कि सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दिया था। जेपी सिंह के तबादले के बाद मंडी मुख्यालय में तैनात हुए नए अधिकारियों ने दोषियों से ही सांठ-गांठ कर लिया और मामले को दबाने में लग गए।

आरोपियों ने बचाव का हर हथकंडा अपनाया

पहले तो आरोपियों को बहाल करके उन्हें मलाईदार पदों से नवाज दिया और आरोपियों के खिलाफ लगे आरोपों को खत्म करने में लग गए। दोषियों को यहां तक प्रसाद दिया गया कि आरोप-पत्रों की जांच को ही रुकवा दिया गया। उधर, मामले का एफआईआर दर्ज होने के बाद जब पुलिस विवेचना शुरू हुई तो आरोपियों ने वहां भी अपने बचाव का हर हथकंडा तैयार कर लिया। लेकिन अदालत में देर तक मामला नहीं टिक पाया, विवेचना निरस्त कर दी गई।

बता दें कि इस पूरे भ्रष्टाचार में एक दर्जन से अधिक अधिकारियों एवं दो ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ था। विभागीय स्तर की जांचों में तो सभी अधिकारियों को बचा लिया गया, लेकिन कानूनी जांच में किसी की भी नहीं चली। अब इस प्रकरण पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक दोषियों ने स्वयं को बचाने के लिए अधिकारियों पर खूब धन लुटाया, लेकिन अब आरोपियों के सामने दिक्कत बढ़ने वाली है।

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