Lucknow: एटीएस के एएसपी पर यौन शोषण का आरोप, जांच शुरू

Sandesh Wahak Digital Desk : एटीएस में तैनात एक एएसपी पर युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। आरोप है कि एएसपी ने आपत्तिजनक फोटो के सहारे ब्लैकमेल किया और शोषण करते रहे। गर्भवती होने पर गर्भपात भी करा दिया। विरोध पर परिवार को धमकाया।

पीड़िता ने सूबे के मुखिया डीजीपी, स्पेशल डीजी और लखनऊ पुलिस से शिकायत की। लेकिन अफसरों ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए विभागीय जांच की बात कहकर टरका दिया। फिलहाल महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (पुराना नाम वूमेन पावर लाइन)की आईपीएस अधिकारी मामले की जांच कर रही हैं। पीडि़ता ने सोशल मीडिया पर सीएम से मदद की गुहार की है।

पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2018 में वह नाबालिग थी। साथ ही यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान एएसपी से मुलाकात हुई। उन्होंने यूपीएससी क्लियर कराने की बात कही। साथ ही कई बार स्टडी मैटेरियल भी देने के लिए आते थे। वर्ष 2019 में रिसर्च वर्क के बहाने एएसपी ने उसे घर और होटल में बुलाया। आरोप है कि नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ एएसपी ने दुष्कर्म किया। होश में आने पर पीड़िता ने विरोध किया। तो एएसपी ने मोबाइल से ली गई उसकी अश्लील फोटो और वीडियो दिखाया।

एएसपी वीडियो और फोटो के जरिए चार साल तक करता रहा यौन शोषण

फोटो और वीडियो देख पीड़िता शांत हो गई। इसके बाद से एएसपी वीडियो और फोटो के सहारे करीब चार साल तक उसका यौन शोषण करते रहे। कई बार पीड़िता ने विरोध किया तो उसकी फोटो घरवालों को वायरल करने की बात कही। वर्ष 2023 में पीड़िता गर्भवती हुई। यह बात उसने एएसपी से बताई तो उन्होंने धोखे से गर्भपात करा दिया। पीड़िता का कहना है कि उसने हैवानियत का विरोध कर पुलिस में शिकायत की बात कही। इसपर एएसपी ने उसके माता पिता को धमकाया। कहा कि तुम लोगों को फर्जी मामले में फंसा देंगे। फिर कहीं भी शादी नही कर पाओगी।

आखिरकार पीड़िता ने हिम्मत जुटाई। वह शिकायत लेकर डीजीपी और स्पेशल डीजी से मिली, जिसपर अफसरों ने जांच के बाद कारवाई की बात कही। इसके बार वह लखनऊ कमिश्नरेट के अफसरों से मिली। अफसरों ने जांच की बात कही। पीडि़ता का कहना है कि वह पिछले दो माह से डीजीपी मुख्यालय और लखनऊ कमिश्नर ऑफिस के चक्कर लगा रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

पीड़िता बोली, डीजीपी समेत बड़े अफसरों ने किया ब्लॉक

पीड़िता ने सोशल मीडिया पर बताया कि डीजीपी, स्पेशल डीजी ने उसके व्हाट्सएप और मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया है। लखनऊ कमिश्नर ने पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराई है। पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर से इस बात की पुष्टि करने के लिए सीयूजी और निजी नंबर पर कॉल की गई, लेकिन पीआरओ ने उनके मीटिंग में व्यस्त होने की बात कही।

यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर पीड़िता को दिया जवाब

पीड़िता ने बताया कि वह मामले को लेकर एएसपी के घर भी गई थी। वहां उनके परिवारवालों ने भी उसे धमकाया था। पीड़िता का कहना है कि वह गोमतीनगर विस्तार थाने में शिकायत लेकर जाती है, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। पीड़िता ने एक्स पर शिकायत पोस्ट की थी। जिसके जवाब में यूपी पुलिस ने एक्स पर कहा, आपकी शिकायत पर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन से जांच हो रही है। मामले में यूपी पुलिस के सभी अफसरों ने चुप्पी साध ली है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.