नगर निगम: कंपनी ने कीं जीआईएस सर्वे में गड़बड़ियां, चार गुना बढ़ा दिया गृहकर

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ में मकानों के जीआईएस सर्वे कर रही कम्पनी ने खूब गड़बड़ियां की हैं। जांच शुरू होने के बाद नए नए खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि एक-एक भवन का चार चार गुना ज्यादा हाउस टैक्स बढ़ा दिया गया। फिर घटाने के नाम पर भी खूब खेल किए गए। इस वजह से शहर के हजारों भवन स्वामी परेशान हैं। लोग नगर निगम से लेकर शासन तक चक्कर लगा रहे हैं। 2.41 लाख भवन मालिकों के टैक्स में गड़बड़ी पाई गई है।

जीआईएस सर्वे नियो जिओ इन्फोटेक कम्पनी को सौंपा गया था। इसने सर्वे में काफी गड़बडिय़ां की हैं। पहले भी बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां पकड़ी गई तो तत्कालीन मेयर और अफसरों ने जीआईएस सर्वे लागू करने पर रोक लगाई थी। नगर निगम सदन और कार्यकारिणी में इसके लिए कई बार हंगामा हो चुका है।

तीन वर्ष पहले ही हो गई थी जीआईएस सर्वे में गड़बड़ी की जानकारी

अब दोबारा फिर तमाम जगहों से शिकायतें मिली हैं। अन्य मामले सामने आए हैं, जिनमें हाउस टैक्स में भारी गड़बड़ी है। इसको लेकर शासन ने मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें सर्वे की गड़बडिय़ों पर चर्चा के बाद लोगों की समस्या के निदान के उपायों पर चर्चा होगी। जीआईएस सर्वे में गड़बड़ी की जानकारी तीन वर्ष पहले ही हो गयी थी।

तत्कालीन महापौर संयुक्ता भाटिया ने खुद सदन में प्रस्ताव रखकर इसे लागू करने से स्थगित कर दिया था। इसके बावजूद नगर निगम ने कार्रवाई नहीं की। जनता परेशान होती रही। इसके बाद सदन में दोबारा पार्षदों ने इसे उठाया। इस वर्ष भी सदन में इसको लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन अधिकारियों ने कम्पनी पर कार्रवाई नहीं की। उसके डेटा इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई, जिससे जनता परेशान हो रही है।

231 भवन स्वामियों के हाउस टैक्स में किया सुधार 

शिकायत पर नगर निगम ने 231 भवन स्वामियों का हाउस टैक्स सुधारा। सबसे ज्यादा जोन चार, जोन आठ में 40.40 भवन स्वामियों के बिल सुधारे गए। जोन एक में 20, जोन दो में 31, जोन तीन में 23, जोन पांच में 22, जोन छह में 35 भवन स्वामियों के बिलों में सुधार कराया गया। इनका टैक्स कई कई गुना बढ़ा दिया गया था। जांच के बाद दोबारा सुधार किया गया।

नगर आयुक्त ने कहा, स्थगित नहीं होगा जीआईएस सर्वे

नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि जीआईएस सर्वे डाटा हटाया नहीं जाएगा। यह नगर निगम की जरूरत है। मेयर ने इसे स्थगित करने को कहा था, लेकिन यह संभव नहीं है। यह नगर निगम के लिए जरूरी है। जिनके भवनों के निर्धारण में गड़बड़ी हुई है, उसे सुधारा जा रहा है। इससे नगर निगम की आय बढ़ी है।

ऐसे हुई जीआईएस सर्वे में गड़बड़ियां

  • गोमती नगर के एक दुकान जिसकी आईडी 9157 सी 26349 है। पहले इसका वार्षिक मूल्य 1.44 करोड़ था जिसे 6.59 करोड़ कर दिया गया।
  • गोमती नगर के एल्डिको ग्रींस 03 सीसी का वार्षिक मूल्य पहले 17 लाख 78 हजार 994 था। जिसे 29 लाख 98 हजार 020 रुपए कर दिया गया।
  • गोमती नगर में आईडी संख्या 9157 सी 00703 का मूल्यांकन 14,400 था, जिसे 2,42,550 कर दिया गया।
  • आईडी संख्या 9157 सी 11345 का वार्षिक मूल्यांकन 18,144 था, जिसे बढ़ाकर 86,518 कर दिया गया।
  • आईडी संख्या 9157 सी 11298 का वार्षिक मूल्यांकन पहले 10,396 था, जिसे 79,884 कर दिया गया
  • आईडी संख्या 9157 सी 15567 का हाउस टैक्स 1,72,125 था जिसे 4,40,640 कर दिया गया।
  • आईडी संख्या 9157 सी 1442 का वार्षिक मूल्यांकन पहले 53,550 था जिसे 1,83,600 कर दिया गया
  • आईडी संख्या 9157 सी 04089 का मूल्यांकन पहले 28,911 था जिसे बढ़ाकर 1,85,244 कर दिया गया।

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