Noida Jail में बंदियों को घटिया भोजन परोसकर भरी जा रही जेब

उत्तर प्रदेश की कमाऊ कही जाने वाली नोएडा जेल (Noida Jail) में जेल अफसरों शह पर रायटर बंदियों (कैदी) ने लूट मचा रखी है।

Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav: उत्तर प्रदेश की कमाऊ कही जाने वाली नोएडा जेल (Noida Jail) में जेल अफसरों शह पर रायटर बंदियों (कैदी) ने लूट मचा रखी है। जेल प्रशासन के अधिकारीयों ने बेलगाम कैदी रायटरों को मुलाहिजा के साथ पीसीओ संचालन तक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही नहीं इस जेल में बंदियो के राशन में जमकर कटौती की जा रही है। कटौती के राशन से कैंटीन में खानपान की वस्तुएं बनवाकर प्रतिमाह लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इस जेल में कमाई कर देने वाले सुरक्षाकर्मियों के साथ रायटर कैदियों की लंबे समय तक ड्यूटी ही नहीं बदली जाती है। ऐसा तब है जब जेल में सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी प्रति सप्ताह बदले जाने का निर्देश है। यह आदेश फाइलों में कैद होकर रह गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह (Noida Jail Superintendent Arun Pratap Singh) , जेलर व डिप्टी जेलर के शह पर कैदी रायटरों ने जेल में लूट मचा रखी है। सूत्रों का कहना है कि रायटर बंदी विजय का जेल में आतंक है। उसका कर्मचारियों के साथ अभद्रता व गाली गलौज करना नियति बन गया है। सुरक्षा कर्मियों के दूर जेल में ट्रांसफर की धमकी देकर अवैध काम करने के लिए दबाव बनाया जाता। इस कार्य में सहयोग नहीं करने कई वार्डर को उसने स्थानांततित भी कर दिया गया।

बंदियों को परोसी जा रही घटिया भोजन

वहीं अवैध तरीके से कमाकर देने वाले कैदी रायटर, हेड वार्डर व वार्डर की ड्यूटी महीनों बदली ही नही जाती है। यही नहीं नोएडा जेल में बंदियों (prisoners in noida jail) के भोजन के लिए आने वाले राशन के गल्ला गोदाम से आटा, मैदा, चीनी, चायपत्ती, मसाला, सरसों का तेल, रिफाइंड, देशी घी यहां तक की गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कैंटीन में किया जाता है। बंदियों को घटिया भोजन परोसकर कैंटीन की कमाई बढाकर लाखो के वारे न्यारे किये जा रहे हैं।

हेड वार्डर और वार्डर के होते हैं वारे न्यारे

सूत्र बताते हैं कि जेल अफसरों के साथ कैदी रायटर भी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। कैदी रायटर कहते हैं कि वह अधिकारियों को कमा कर देते हैं। इसलिए उसका कुछ नही बिगाड़ सकते हैं। मुलाहिजा में यह कैदी रायटर बंदियों से हैसियत के हिसाब से खुलेआम वसूली करते हैं। इसके साथ ही पीसीओ में इमरजेंसी कॉल के नाम प्रति मनमाना शुल्क वसूल करते हैं। यही नहीं यह रायटर कैदी बंदियों को नियमों को दर किनार करके अनाप शनाप तरीके से कॉल कराई जाती है। इसी प्रकार हवालात प्रभारी डिप्टी जेलर ने बाइक बोट घोटाले के आरोपियों की रिहाई में लाखों के वारे न्यारे कर डाले। सूत्रों की मानें तो इस जेल में कमाऊ जगहों पर लगे हेड वार्डर व वार्डर की महीनों डयूटी नही बदली जाती है।

उधर इस संबंध में जब जेल अधीक्षक अरुण प्रताप से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने लगाए आरोपों को बदनाम करने की साजिश बताया है।

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