वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए उम्मीद पोर्टल किया लांच

Sandesh Wahak Digital Desk: देश में वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और डिजिटल प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को उम्मीद पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण, पंजीकरण और पारदर्शी प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस पोर्टल का पूरा नाम है – UMMEED (Unified Minority Management, Empowerment, Efficiency and Development), यानी एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास।

लॉन्च इवेंट के दौरान रिजिजू ने कहा, उम्मीद पोर्टल सिर्फ एक तकनीकी पहल नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन से जुड़ी एक ऐतिहासिक कोशिश है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही वक्फ सुधारों को देश की आज़ादी के बाद का एक बड़ा फैसला बता चुके हैं। अब यह हमारा दायित्व है कि इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और कुशलता से लागू करें। उन्होंने बताया कि देश में 9 लाख से ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से इस पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पंजीकरण किया जाएगा।

कैसे काम करेगा यह पोर्टल

-OTP आधारित रजिस्ट्रेशन सिस्टम

-तीन स्तर पर सत्यापन की प्रक्रिया

-प्रत्येक संपत्ति को मिलेगा 17 अंकों का यूनिक आईडी नंबर

-सभी बोर्डों को मिलेगी केंद्रीकृत हेल्पलाइन सुविधा

-पोर्टल पर तय समयसीमा के भीतर पूरा होगा पंजीकरण

रिजिजू ने सभी राज्य सरकारों और वक्फ बोर्डों से अपील की कि वे निर्धारित समयसीमा का सख्ती से पालन करें ताकि प्रक्रिया में किसी तरह की देरी न हो।

कुछ संगठनों ने जताई आपत्ति

जहां सरकार इस पहल को पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे कुछ संगठनों ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए विरोध भी दर्ज कराया है। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और सही उपयोग को बढ़ावा देगा।

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