UP News: ज्ञानवापी तहखाने में आठ घंटे में हुई पूजा, रात 11 बजे प्रशासन ने कराई आरती
UP News: 31 साल बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में बुधवार (31 जनवरी) देर रात 11 बजे मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर भी मौजूद रहे। दीप जलाकर गणेश-लक्ष्मी की आरती उतारी गई और तहखाने की दीवार पर बने त्रिशूल सहित अन्य धार्मिक चिन्हों को भी पूजा।
वाराणसी कोर्ट के आदेश का पालन करने में प्रशासन को सिर्फ आठ घंटे लगे। आदेश के बाद काशी विश्वनाथ धाम परिसर में पुलिस-प्रशासन की हलचल तेज हो गई। शाम 7 बजे डीएम एस राजलिंगम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। बता दें कि ज्ञानवापी के इस तहखाने में व्यास परिवार सन् 1993 तक पूजा करता रहा है। वहीं, गुरुवार (1 फरवरी) सुबह वादी पक्ष मंदिर पहुंचा। व्यास का परिवार भी पूजा के लिए पहुंचेगा।
देर रात पूजा क्यों कराई गई?
देर रात पूजा कराने की सबसे बड़ी कानूनी लड़ाई बताया जा रहा है। ऐसा कहा गया कि अगर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट जाता है और किन्ही परिस्थितियों में कोर्ट से स्टे की मांग करता है तो जिला कोर्ट के पूजा कराने के ऑर्डर को बाद में कायम रखना पड़ सकता है।
ट्रस्ट के 5 पुजारी बुलाए और फिर की गई पूजा
आधिकारियों ने रात 8 बजे ज्ञानवापी तहखाने की बाहर से ही जांच-पड़ताल की। रात 9 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ कम होने के बाद 4 नंबर गेट से प्रशासन ने लोगों का प्रवेश बंद करा दिया। करीब 9:30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच विश्वनाथ मंदिर के पूर्वी गेट से ट्रस्ट के कर्मचारियों को बुलाकर बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू किया। लगभग एक घंटे में रात 10.30 बजे तक बैरिकेडिंग को हटा दिया।
इसके बाद काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने अंदर सफाई की। ट्रस्ट की ओर से तहखाने में पूजा की सामग्री लाई गई। ट्रस्ट के 5 पुजारी बुलाए। फिर रात 11 बजे पूजा अर्चना की गई। पूजा के समय तहखाने में कमिश्नर बनारस, CEO विश्वनाथ मंदिर, ADM प्रोटोकॉल, गणेश्वर शास्त्री द्रविड और पंडित ओम प्रकाश मिश्रा मौजूद थे। गणेश्वर शास्त्री द्रविड की अगुआई में विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा ने पूजा कराई।