वक्फ बिल पर राहुल गांधी खामोश क्यों? मायावती ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पर उठाए सवाल

Sandesh Wahak Digital Desk: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में हुई चर्चा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की खामोशी पर शनिवार को सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में बेचैनी स्वाभाविक है।
1. वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लम्बी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इण्डिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक।
— Mayawati (@Mayawati) April 12, 2025
उन्होंने शनिवार को ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट करते हुए कहा वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना क्या उचित है जबकि विपक्ष सीएए की तरह इसे संविधान के उल्लंघन का मामला बता रहा है। इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इंडिया गठबंधन में बेचैनी स्वाभाविक है।
2. वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी व निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, भाजपा आदि ये पार्टियाँ बराबर की दोषी। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) April 12, 2025
उन्होंने कहा वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी व निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, भाजपा आदि ये पार्टियां बराबर की दोषी हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचने की जरूरत है।
3. इनके ऐसे रवैयों के कारण उत्तर प्रदेश में भी बहुजनों की स्थिति हर मामले में काफी बदहाल व त्रस्त जबकि भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट। साथ ही, बिजली व अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते हुए निजीकरण से हालात चिन्तनीय। सरकार जनकल्याण का संवैधानिक दायित्व सही से निभाए।
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बसपा प्रमुख ने उठाए सवाल
मायावती ने लिखा, ”इनके ऐसे रवैयों के कारण उत्तर प्रदेश में भी बहुजनों की स्थिति हर मामले में काफी बदहाल व त्रस्त है जबकि भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट है। साथ ही, बिजली व अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते हुए निजीकरण से हालात चिंताजनक हैं। सरकार जनकल्याण का संवैधानिक दायित्व सही तरह से निभाए।”
बसपा प्रमुख ने इससे पहले बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से नए वक्फ कानून के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने और इसे फिलहाल निलंबित करने को कहा था। मायावती ने कहा कि हाल ही में पारित अधिनियम में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान प्रथम दृष्टया अच्छा नहीं है।
केंद्र ने मंगलवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया, जिसे दोनों सदनों में लंबी चर्चा के बाद संसद से पारित होने के बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली थी।
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