डाक विभाग में नौकरी का झांसा दे ऐंठे 6.70 लाख, थमाया जाली नियुक्ति पत्र

Sandesh Wahak Digital Desk : भारतीय डाक विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा दे जालसाजों ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र से 6.70 लाख रुपए ऐंठ लिए। आरोपियों ने ऊंची पहुंच बता कर फंसाया। इसके बाद जाली नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड थमाकर मोहनलालगंज में ट्रेनिंग दिलाई। यही नहीं हाजिरी भी लगवाई। शक होने पर पीडि़त ने पड़ताल की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। रुपए वापस मांगने पर पीडि़त को धमकाया।

एसीपी कृष्णानगर के निर्देश पर मानकनगर थाने में मुकदमा दर्ज

एसीपी कृष्णानगर के निर्देश पर मानकनगर पुलिस ने दंपति समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसओ शिवमंगल सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मूल रूप से गाजीपुर जनपद के जमानिया निवासी उपेंद्र कुमार सिंह सरोजनीनगर के अमौसी में किराए पर रहते हैं। वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2022 में अयोध्या निवासी रामू यादव से हुई।

बातचीत के दौरान रामू ने ऊंची पहुंच का रौब दिखाकर भारतीय डाक विभाग में संविदा पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बताया कि छह माह काम करने के बाद सरकारी कर्मचारी बनवा दिया जाएगा। यही नहीं आरोपी ने उसको जाल में फंसाने के लिए कई लोगों को अधिकारी बताकर मुलाकात भी कराई।

मोहनलालगंज में दिलाई ट्रेनिंग, दिया जाली आईडी कार्ड

इसलिए आरोपी की चिकनी चुपड़ी बातों में फंसे उपेंद्र ने नौकरी के लिए हामी भर दी। जिसके बाद पीडि़त ने 6.70 लाख रुपए चेक और कैश में दिए। कुछ वक्त बाद ज्वाइनिंग लेटर थमा कर रामू और उनके साथी उसे लेकर लखनऊ जीपीओ कार्यालय ले गए। वहां उसकी मुलाकात किसी अनुराग विश्वकर्मा से कराई। अनुराग ने खुद को सीडीओ बताया।  फिर उसे बाहर बैठाकर प्रधान डाकघर के पास चले गए। कुछ देर बाद रामू व अन्य उसे लेकर मोहनलालगंज के सिसेंडी ले गए। डाक शाखा दिखाई और फिर फिर भदेसुआ पोस्ट ऑफिस ले गए।

छह माह संविदा पर ट्रेनिंग फिर सरकारी नौकरी की कही बात

वहां पर मिली बीपीएम सरिता सिंह और उनके पति अजीत सिंह ने युवक को ट्रेनिंग दी। साथ ही अनुराग ने डाक विभाग का आईडी कार्ड दिया और कहा कि छह माह तक संविदा पर काम करने के बाद वही नौकरी सरकारी कराता है।

इसके साथ ही आरोपी संतोष उर्फ दिनेश ने पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल और एक फार्म भरवाया। एक माह तक वेतन नहीं आने पर पीडि़त ने पूछताछ की तो खाते में करीब 21 हजार भेजे गए। शक होने पर पीडि़त उपेंद्र ने पड़ताल की तो पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है।  पीडि़त का कहना है कि आरोपियों ने डाक विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से फर्जीवाड़ा किया है।

फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए एक अलग बायोमेट्रिक मशीन में हाजिरी लगवाते हैं। 6.70 लाख की ठगी देख पीडि़त ने रुपए वापस मांगे तो आरोपियों ने धमकाया। पीडि़त ने एसीपी कृष्णानगर से मुलाकात कर शिकायत की।

मानकनगर पुलिस ने रामू यादव, अनुराग विश्वकर्मा, सरिता सिंह, अजीत सिंह, संतोष उर्फ दिनेश, निधि सिंह और श्रद्धा उर्फ रीना के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर फर्जीवाड़ा, अमानत में खयानत, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

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