अखिलेश यादव ने ‘पीडीए’ कार्ड को फिर से दी धार, बोले- 2027 में अगड़ा बनाम पिछड़ा की होगी लड़ाई

Sandesh Wahak Digital Desk: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को आगरा में पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात की और आगामी 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर बड़ा संकेत दिया। उन्होंने कहा कि सपा अब सामाजिक न्याय की नई क्रांति के साथ आगे बढ़ेगी और आगामी चुनाव अगड़ा बनाम पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।
आगरा बनेगा सामाजिक न्याय की नई लड़ाई का केंद्र
अखिलेश यादव ने आगरा में सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा संकल्प है कि आगरा को सामाजिक न्याय की लड़ाई का प्रतीक बनाया जाए।” उन्होंने पीडीए फार्मूले को और धार देते हुए साफ कर दिया कि 2024 में मिली सफलता को 2027 में और मजबूती से दोहराया जाएगा।
उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “पीडीए वर्ग के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। अब समय आ गया है कि बाबा साहब के संविधान को हमारी ढाल बनाकर हम उनके अधिकारों की रक्षा करें।”
दलित कार्ड और राणा सांगा विवाद की पृष्ठभूमि
हाल ही में राणा सांगा को लेकर उठे विवाद के बाद सपा ने रामजीलाल सुमन को दलित नेता के रूप में मजबूती से प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है। सपा उनके आगरा स्थित आवास पर हुए हमले को “दलित नेता के घर पर हमला” बताकर प्रचारित कर रही है। यही नहीं, पार्टी अब अल्पसंख्यक और गैर-यादव पिछड़े मतदाताओं को भी अपने साथ जोड़ने की रणनीति बना रही है।
आगरा जिले की नौ विधानसभा सीटों पर सपा का अब तक खास प्रदर्शन नहीं रहा है। बाह को छोड़कर बाकी आठ सीटों पर पार्टी का खाता तक नहीं खुला। लेकिन 2022 में कांग्रेस और रालोद के साथ गठबंधन कर सपा ने छह सीटों पर दूसरा स्थान हासिल किया, जिससे उसके वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ। जिले में 15 लाख से अधिक दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मतदाता हैं, जिन्हें साधने के लिए अब सपा ने कमर कस ली है।
अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी महापुरुष पर विवादित टिप्पणी न की जाए। उन्होंने कहा, “इतिहास को इतिहास ही रहने दिया जाए। उसमें कई बातें हैं जो शायद हमें या दूसरों को पसंद न आएं।”
आगरा बना पार्टी का केंद्र
अखिलेश यादव के आगरा दौरे में मथुरा, हाथरस, इटावा और मेरठ सहित कई जिलों से कार्यकर्ता और पदाधिकारी जुटे। यह साफ संकेत है कि पार्टी अब आगरा को सामाजिक न्याय की नई लड़ाई का केंद्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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