Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: पशुपालन महकमें में मनमाने तबादलों की एवज में करोड़ों की धनउगाही की कलंक कथा अफसरों द्वारा लिखी गयी है।
मानव सम्पदा पोर्टल को ताख पर रखकर ऑफलाइन प्रक्रिया के जरिये घोटाले की नींव पूर्व प्रमुख सचिव के रविंद्र नायक और निदेशक रहे डॉ जयकेश पांडेय के कार्यकाल में पड़ी थी। ‘संदेशवाहक’ के खुलासे के बाद जांच में फंसने के डर से अफसरों ने समूह ख के 220 तबादले एक झटके में भले निरस्त कर दिए। लेकिन तबादला घोटाले की जांच अभी तक नहीं कराई है। विभाग के जिन डॉक्टरों से मनचाहे तबादले के एवज में मोटी रकम वसूली गयी। वे भी मानो ठगे रह गए। डॉक्टर अब तबादले के एवज में दिया पैसा वापस मांग रहे हैं। डॉक्टरों के व्हाट्सऐप ग्रुप में पैसा वापस मांगने का स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद शासन से निदेशालय तक हडक़ंप मच गया है।
‘संदेश वाहक’ की खबर के बाद निरस्त हुए थे 220 तबादले, कब होगी जांच
‘संदेश वाहक’ ने 20 मई को ‘मानव सम्पदा पोर्टल को ठेंगा, सरकारी विभागों में ऑफलाइन तबादलों का खेल’ शीर्षक से खबर प्रकाशित करके घोटाले का खुलासा किया था। तत्कालीन निदेशक डॉ जयकेश पांडेय ने ऑफलाइन तबादले किये। इसी बीच पशुपालन में तैनात साफ छवि की महिला पीसीएस संयुक्त निदेशक प्रशासन ज्योति राय के गंभीर सवालों ने पूरी कहानी पलट दी।
संयुक्त निदेशक राय ने आपत्ति लगाते हुए लिखा कि मानव सम्पदा पोर्टल के जरिये आवेदन और ऑफलाइन तबादलों के लिए अनुमति सक्षम स्तर से क्यों नहीं ली गयी। दबाव पडऩे पर वे छुट्टी पर चली गईं। इसके बाद अफसरों ने जांच में फंसने के डर से समूह ख के सभी 220 तबादले निरस्त कर दिए। 31 मई को निदेशक पशुपालन डॉ जयकेश पांडेय और प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक रिटायर हो चुके थे। हालांकि समूह ख के तबादले करने का अधिकार विभागाध्यक्ष यानि निदेशक पशुपालन को होता है।
अमित घोष
सीएम योगी से तबादला घोटाले की शिकायत शपथपत्र पर उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार ने पहले ही कर रखी थी। डॉ मनोज को पूर्व में विभागीय भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर अफसरों ने निलंबित कर दिया था। नए प्रमुख सचिव पशुपालन अमित घोष तबादला घोटाले की जांच से हिचक रहे हैं। शासन के अफसरों की भी गर्दन समूह क के तबादलों में पहले से फंसी है। इसलिए शासन से निदेशालय तक सारे अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।
डॉ जयकेश पांडेय
आरोपी पूर्व निदेशक गए स्विट्जरलैंड
सूत्रों की माने तो पूर्व निदेशक डॉ जयकेश पांडेय रिटायर होने के बाद स्विट्जरलैंड चले गए हैं। सीएम को भेजी शिकायत में पांडेय के विदेश भागने की आशंका जताते हुए पहले ही उनका पासपोर्ट जब्त करने की मांग हुई थी।
डॉक्टर द्वारा तबादले के एवज में दिया पैसा वापस मांगने की व्हाट्सएप चैट का स्क्रीन शॉट।
डॉक्टर बोले-गंगाराम जी पैसा तो आपको दिया था, वापस करो
स्क्रीनशॉट में डॉक्टर ने गंगाराम से कहा, हमारा पैसा कब वापस कर रहे हो। उसने पूर्व डीएएच (निदेशक एनिमल हस्बेंड्री) से बात करने को कहा। डॉक्टर ने कहा कि पैसा तो आपके हाथ में दिया था। तीन दिन में वापस नहीं किया तो दूसरे आप्शन अपनाने पड़ेंगे। एक दूसरे स्क्रीन शॉट में गंगाराम कह रहा है कि अभी शासन ने लिखित में तबादले का निरस्तीकरण नहीं किया है। आदेश आने पर देखते हैं। गंगाराम पूर्व निदेशक जयकेश पांडेय का कम्प्यूटर ऑपरेटर है। जिसके जरिये वसूली कराने का आरोप है। सूत्रों की माने तो स्क्रीन शॉट वाले डॉक्टर को जांच के डर से पैसा वापस कर दिया गया है।
हाईकोर्ट में तबादला घोटाले के खिलाफ याचिका दाखिल
उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार ने तबादला घोटाले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। रायबरेली डीएम की जांच में दोषी सीवीओ अनिल कुमार को भी कन्नौज में गृह मंडल कानपुर में तैनाती दी गयी।
योगेश पंवार
निदेशक पशुपालन ने सारी जिम्मेदारी शासन पर डाली
पशुपालन विभाग में निदेशक प्रशासन डॉ योगेंद्र सिंह पंवार का कहना है कि जांच की बात जानकारी में नहीं है। स्टेटमेंट देने की स्थिति में नहीं हूं। आप शासन से पूछिए। प्रमुख सचिव अमित घोष ने कॉल उठाना मुनासिब नहीं समझा। वायरल स्क्रीनशॉप से विभाग में हडक़ंप है।