आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़ा: जालसाजों ने 300 से अधिक लोगों के बनाए फ़र्ज़ी कार्ड, जांच शुरु

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में आयुष्मान कार्ड जारी करने वाली नोडल एजेंसी, स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जालसाजों ने दीपावली की छुट्टियों का फायदा उठाते हुए साचीज के अधिकारियों की फर्जी आईडी बनाकर 300 से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड अवैध तरीके से जारी कर दिए।

फर्जीवाड़े का तरीका और खुलासा

जालसाजों ने कार्डों को अनुमोदित (अप्रूव) करने के लिए साचीज के सक्षम अधिकारियों की फर्जी आईडी बनाई। उन्होंने पोर्टल पर अधिकारियों के आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों को बदल दिया, जिससे कार्ड अनुमोदन के लिए आने वाला OTP (वन टाइम पासवर्ड) संबंधित अधिकारियों के बजाय उनके पास चला गया। इसी OTP का उपयोग करके नए आयुष्मान कार्डों को अनुमोदित किया गया।

लखनऊ के सैदापुर निवासी शिवम पाठक की शिकायत पर हुई जांच में एक ISA ID (यूएसईआर 6801737) से अबुल कलाम के नाम से कार्ड जारी होने का पता चला। गहन जांच में पता चला कि 300 से अधिक आयुष्मान कार्ड फर्जी तरीके से बनाए गए हैं। सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ी कार्ड बरेली, शाहजहांपुर और जालंधर के लोगों के नाम पर बने हैं।

पुलिस और विभागीय कार्रवाई

स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. सचिन वैश्य ने इस मामले में हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्चना वर्मा ने 300 से अधिक कार्डों को अवैध घोषित कर दिया है। इन फ़र्ज़ी कार्डों से उपचार पर किसी भी क्लेम के भुगतान पर तुरंत रोक लगा दी गई है।

सीईओ अर्चना वर्मा ने कहा है कि पुलिस जांच के साथ-साथ विभागीय जांच भी होगी। अनुमोदन में लगे साचीज के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पिछले छह माह के अंदर जारी हुए अन्य कार्डों की भी जांच की जाएगी। इस फर्जीवाड़े की जानकारी यूआईडीए (UIDAI) के उप महानिदेशक को भी दी गई है।

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