Azamgarh News: ‘मार डालो, बचना नहीं चाहिए…’, झगड़ा सुलझाने पहुंचे थाना प्रभारी पर जानलेवा हमला, VIDEO वायरल

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां दो पक्षों के विवाद को सुलझाने पहुंचे बरदह थाने के तत्कालीन प्रभारी राजीव कुमार सिंह पर ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया।
इस बर्बर हमले का वीडियो अब सामने आया है, जिसमें 8 से अधिक लोग थाना प्रभारी को खेत में गिराकर बेरहमी से पीटते दिखाई दे रहे हैं। हमले के दौरान हमलावरों द्वारा गाली-गलौज करते हुए “मार डालो, बचना नहीं चाहिए” बोलते सुनाई दे रहे हैं।
पूरा घटनाक्रम
यह घटना 6 जून को बरदह थाना क्षेत्र के बर्रा गांव में हुई थी। एक दिन पहले, 5 जून को गांव में एक शादी समारोह के दौरान डीजे की आवाज को लेकर दो पक्षों में विवाद और मारपीट हो गई थी।
हालांकि, पुलिस की मध्यस्थता से दोनों पक्षों में समझौता हो गया था।
लेकिन 6 जून को जब एक पक्ष के लोग इनोवा कार से गांव में तेज आवाज में गाना बजाते हुए गुजरे, तो दूसरे पक्ष के लोगों ने उनकी गाड़ी को रोककर शीशे तोड़ दिए। इसकी सूचना डायल 112 और स्थानीय थाना पुलिस को दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस टीम और थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया और थाने ले जाने की कोशिश की।
इसी दौरान पीछे से बड़ी संख्या में आक्रोशित ग्रामीण लाठी-डंडों और ईंटों से लैस होकर पहुंचे और पुलिस टीम पर हमला कर दिया।
इस हमले में थाना प्रभारी समेत 5 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। राजीव कुमार सिंह के सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं, जबकि एक सब-इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल भी घायल हुए।
सभी को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया।
VIDEO से खुली बर्बरता की परतें
अब जो वीडियो सामने आया है, वह घटना की गंभीरता और हमले की क्रूरता को उजागर करता है। पुलिस पर हमला करते वक्त ग्रामीणों की संख्या अधिक थी और वे जानलेवा हमला कर रहे थे।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी खेत में गिर पड़े हैं और उन पर बेरहमी से वार किया जा रहा है।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें फूलचंद, सर्वेश, लकी, गौतम, आकाश, सिंकू, विपिन, चंद्रेश, ऋतिक, राकेश, विशाल, मनोज, शर्मिला, शिवमूरत, संगम, मंकू और ऋषभ के नाम शामिल हैं।
पुलिस ने उनके पास से दो डंडे और एक बोरी में रखे ईंट-पत्थर के टुकड़े भी बरामद किए हैं।
पुनरावृत्ति की आशंका और सुरक्षा पर सवाल
यह घटना कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह पहली बार नहीं है जब आजमगढ़ में पुलिस को ग्रामीण आक्रोश का शिकार बनना पड़ा है।
इससे पहले तरवा थाना क्षेत्र में एक दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
इस बार की घटना में सवाल यह उठता है कि पुलिस अधिकारी के साथ इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे हिंसक हो गए, और वह भी उस समय जब वह कानून व्यवस्था बहाल करने की कोशिश कर रहे थे।
फिलहाल, थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है और वह घर पर आराम कर रहे हैं। पुलिस मामले में फरार मुख्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। घटना के संबंध में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच जारी है।
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