बीजेपी के ऑफर से चिराग पासवान नाराज़? पटना में धर्मेंद्र प्रधान से बिना मिले दिल्ली लौटे
Sandesh Wahak Digital Desk: बिहार में एनडीए (NDA) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध गहरा गया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान कथित तौर पर बीजेपी के सीट ऑफर से असंतुष्ट हैं, जिसके चलते उन्होंने पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से आज मुलाकात किए बिना ही दिल्ली लौटने का फैसला किया है।
धर्मेंद्र प्रधान आज पटना पहुंचे थे ताकि चिराग पासवान से सीट शेयरिंग के दूसरे दौर की बातचीत हो सके, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान ने आज मुलाकात नहीं की और सीधे दिल्ली रवाना हो गए। इससे पहले, मंगलवार को दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े ने चिराग से मुलाकात की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई थी।
कल सुबह 10 बजे LJPR की आपात बैठक
चिराग पासवान की नाराज़गी को देखते हुए, लोजपा (रामविलास) ने गुरुवार (9 अक्टूबर) सुबह 10 बजे पटना में पार्टी की आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक की अध्यक्षता बिहार चुनाव के प्रभारी सांसद अरुण भारती करेंगे।
माना जा रहा है कि पार्टी किसी बड़े सियासी फैसले से पहले सभी सांसदों, प्रदेश अध्यक्ष, उपाध्यक्षों, जिला प्रभारियों और प्रमुख नेताओं से अंतिम रायशुमारी करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार, जेडीयू द्वारा अपने उम्मीदवारों के नामांकन की तारीख तय करने से पहले ही चिराग पासवान की नाराज़गी बढ़ गई थी।
चिराग 35 सीटों पर अड़े, बीजेपी ने दिया 25 का ऑफर
एनडीए के भीतर सीट बंटवारा सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने चिराग पासवान की पार्टी को 25 सीटों का ऑफर दिया है, जबकि चिराग पासवान कम से कम 35 सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं।
लोजपा (रा.) के सांसद राजेश वर्मा ने एक बयान में साफ संकेत दिया है कि उनकी पार्टी को 43 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “2020 में हमने 136 सीटों पर और 2015 में 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, तो इसके बीच में ही सम्मानजनक सीटें हमें मिलनी चाहिए।”
महागठबंधन में जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने भी 15 सीटों की मांग की है। बताया जा रहा है कि बीजेपी-जेडीयू को 100-100 से अधिक सीटें मिलने की संभावना है, लेकिन छोटे सहयोगी दलों के बीच चल रही खींचतान ने एनडीए की चुनावी रणनीति पर असर डालना शुरू कर दिया है।
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