मिर्जापुर: अधिवक्ता से मारपीट के आरोप पर वकीलों का भारी आक्रोश, FIR दर्ज करने की मांग
मिर्ज़ापुर। चुनार कोतवाली क्षेत्र के ऐबकपुर मोहाना मोहल्ले में एक जमीन विवाद के मामले में पुलिस द्वारा अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट किए जाने के आरोप के बाद स्थानीय अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। नाराज वकीलों ने अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) मनीष कुमार मिश्रा से मुलाकात कर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर इस घटना से संबंधित एक वीडियो प्रसारित होने के बाद मामला तूल पकड़ गया। वीडियो में अधिवक्ता दिनेश गुप्ता के भाई दिलीप गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिनेश गुप्ता को कोतवाली परिसर में जमीन पर बैठाया गया, उनसे दुर्व्यवहार किया गया और गंभीर रूप से मारपीट की गई।
वकीलों का विरोध प्रदर्शन, एएसपी और एसडीएम मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय नवयुवक अधिवक्ता समिति चुनार के आक्रोशित सदस्यों ने अध्यक्ष अनमोल सिंह की अध्यक्षता में बार भवन में बैठक कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने अपने साथी अधिवक्ता के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीओ मंजरी राव बार भवन पहुंचीं और अधिवक्ताओं को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, लेकिन अधिवक्ता मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। स्थिति की नजाकत को देखते हुए बाद में एसडीएम राजेश कुमार वर्मा और एएसपी ऑपरेशन मनीष कुमार मिश्र भी बार भवन पहुंचे और वकीलों से बातचीत की।
हालांकि, अधिवक्ताओं ने मुकदमा दर्ज होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। एएसपी ऑपरेशन ने अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया कि मामले में हर पहलू की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
पुश्तैनी मकान विवाद की जड़
यह पूरा विवाद ऐबकपुर मोहाना निवासी रमेशचंद्र गुप्ता और उनके परिवार के बीच एक पुश्तैनी मकान को लेकर है। यह मामला 1994 से ही सिविल जज (सीनियर डिवीजन) न्यायालय में लंबित है, जिसमें रमेशचंद्र गुप्ता के पक्ष में स्थगन आदेश (Stay Order) पारित है।
विवाद तब बढ़ा जब चाचा नंदकिशोर की पत्नी तारा देवी ने चार वर्ष पूर्व अपना हिस्सा बिशुनपुर जरहा निवासी प्रियंका सिंह को बेच दिया, जिसके बाद कब्जे को लेकर विवाद शुरू हुआ। रमेशचंद्र ने एसडीएम को शिकायत की थी कि विरोधी पक्ष ने ताला तोड़कर जबरन कब्जा कर लिया, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
थाने में बढ़ा विवाद, अधिवक्ता हुए घायल
मंगलवार देर शाम विवाद तब बढ़ गया जब रमेशचंद्र की पुत्रियों ने मकान में प्रवेश करने से प्रियंका सिंह और उनके पति को रोका। मौके पर कहासुनी के बाद पुलिस दोनों पक्षों को कोतवाली ले आई और शांति भंग की आशंका में दोनों का चालान कर दिया गया।
इसी दौरान, अधिवक्ता दिनेश गुप्ता अपने दामाद के भाई दिलीप की पैरवी करने थाने पहुंचे। आरोप है कि वहां मौजूद पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की और मारपीट की, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। गंभीर रूप से घायल दिनेश गुप्ता को इलाज के लिए बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया है। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए फिलहाल विवादित मकान को सील कर ताला लगा दिया है।
अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) मनीष कुमार मिश्रा ने पुष्टि की है कि भूमि विवाद से संबंधित इस मामले में दोनों पक्षों का चालान किया गया था। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोप की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जाँच की जा रही है।
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