Azamgarh News: मंडलीय कारागार में 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी का बड़ा मामला, जेल अधीक्षक सस्पेंड

Azamgarh News: आज़मगढ़ की मंडलीय कारागार में सरकारी खाते से 52 लाख 85 हज़ार रुपये की बड़ी धोखाधड़ी सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। इस गंभीर लापरवाही के आरोप में जेल अधीक्षक आदित्य कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया गया है। उन पर अपनी ज़िम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन न करने, पैसों में गंभीर गड़बड़ी और काम में लापरवाही का आरोप है। अपर महानिरीक्षक जेल धर्मेंद्र सिंह ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है।

कैदी, सहायक और चौकीदार की मिलीभगत

जाँच में पता चला है कि जेल अधीक्षक के नाम से चल रहे सरकारी खाते से कैदियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी चेक जारी कर लाखों रुपये निकाल लिए गए। धोखाधड़ी में शामिल चार आरोपियों जेल से छूटे कैदी रामजीत यादव, शिवशंकर यादव उर्फ गोरख, वरिष्ठ लेखाधिकारी मुशीर अहमद और चौकीदार अवधेश कुमार पांडे को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है।

फर्जी हस्ताक्षर और लाखों की निकासी

जाँच में चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी रामजीत यादव को लेखा कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक मुशीर अहमद का लेखक बनाया गया था। कार्यालय में काम करने के दौरान रामजीत, शिव शंकर यादव, मुशीर अहमद और चौकीदार अवधेश कुमार पांडे की आपस में गहरी दोस्ती हो गई।

उनके सहयोग से लेखा कार्यालय से जेल अधीक्षक के सरकारी खातों की चेकबुक निकाली गई। इसके बाद चेकबुक पर जेल अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर रामजीत ने ये बड़ी रक़म निकाली। रामजीत ने बताया कि सभी की मदद से ब्लैंक चेक निकालकर, उस पर वरिष्ठ अधीक्षक मंडल जिला कारागार की मुहर लगाई जाती थी और फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पैसा निकाल लिया जाता था, जिसे वे आपस में बाँट लेते थे।

Azamgarh Jail

पैसे से बहन की शादी और नई बुलेट खरीदी

धोखाधड़ी के पैसों का इस्तेमाल आरोपियों ने अपने ऐशो-आराम और कर्ज़ चुकाने में किया। मुख्य आरोपी रामजीत ने 20 जनवरी 2025 को अपनी बहन की शादी पर 25 लाख रुपये से अधिक खर्च किए। इसके अलावा, 3 लाख 75 हज़ार रुपये की एक नई बुलेट खरीदी। उसने क़र्ज़ चुकाने में भी लगभग 10 लाख रुपये खर्च किए। उसके खाते में बचे 23,000 रुपये को पुलिस ने होल्ड कर दिया है।

लेखाधिकारी मुशीर अहमद को 7 लाख रुपये मिले, जिसे वह निजी और घरेलू उपयोग में खर्च कर रहा था। चौकीदार अवधेश कुमार पांडे को 1,50,000 रुपये मिले।

डीआईजी जेल ने 8 घंटे की जांच के बाद भेजी थी रिपोर्ट

डीआईजी जेल शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने 11 अक्टूबर को आज़मगढ़ पहुँचकर लगभग 8 घंटे तक एक-एक पहलू की गहनता से जाँच की और इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी। डीआईजी जेल ने बताया कि आरोपी बैंक-टू-बैंक पैसे का ट्रांजैक्शन करता रहा और वह दीपावली के बाद गुजरात जाने की तैयारी में था। शासन इस रिपोर्ट के आधार पर अन्य दोषियों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करेगा।

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