संपादकीय: अस्थिर Pakistan के खतरे

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी ने पड़ोसी देश में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।

Sandesh Wahak Digital Desk: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी ने पड़ोसी देश में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। पूरे देश में हिंसक घटनाएं हो रही हैं। सेना और सुरक्षा बलों की फायरिंग में कई लोग मारे जा चुके हैं। धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। फिलहाल जिस तरह शहबाज सरकार के खिलाफ लोग सडक़ों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं, वह भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के लिए खतरे की घंटी है।

सवाल यह है कि…

  • इमरान को गिरफ्तार करने में सरकार और सेना ने इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई?
  • क्या पाकिस्तान में उग्र प्रदर्शन के पीछे केवल इमरान की गिरफ्तारी है या कुछ अन्य कारण जिम्मेदार हैं?
  • क्या भुखमरी, महंगाई और बेरोजगारी का सामाना कर रहे लोग सरकार के खिलाफ ठीक उसी तरह सडक़ पर उतरे हैं जैसा पूर्व में श्रीलंका की आवाम ने किया था?
  • क्या सेना ने पाकिस्तान (Pakistan) की कमान अपने हाथ में लेने के लिए जानबूझकर लोगों को भडक़ाने वाली कार्रवाई की है?
  • क्या एक अराजक और अस्थिर पाकिस्तान, भारत के लिए चिंता की बड़ी वजह बनेगा?

भ्रष्टाचार में फंसे इमरान की गिरफ्तारी ने पाकिस्तान को पूरी तरह अराजकता और हिंसा के हवाले कर दिया है। हालांकि इमरान जिस तरह सेना पर खुलकर हमले कर रहे थे, उससे उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी। खुद इमरान अपनी गिरफ्तारी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे। यही वजह थी कि उन्होंने पहले से अपनी गिरफ्तारी का वीडियो संदेश पार्टी को दे दिया था।

Pakistan

Pakistan में आज भी चल रहा सेना का राज

हैरानी की बात यह है कि इमरान को उस वक्त जबरन गिरफ्तार किया गया जब वे हाईकोर्ट में पेशी पर आए थे। यही नहीं जो हाईकोर्ट सरकार से पूछ रहा था कि गिरफ्तारी क्यों की गई, उसने बाद में इसे वैध बताया। साफ है पाकिस्तान में लोकतंत्र और न्याय (Democracy and Justice in Pakistan) के नाम पर ढकोसला किया जा रहा है। वहां आज भी सेना का ही राज चल रहा है लेकिन केवल इमरान की गिरफ्तारी से इतना बड़ा बवाल नहीं हुआ है, इसकी पटकथा इमरान और उसके बाद आयी शहबाज सरकार में लिखी गई।

आवाम बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी से परेशान है और सरकार के खिलाफ उसका यह आक्रोश अब सडक़ों पर दिख रहा है। आवाम के तेवर को देखते हुए सेना बैक फुट पर दिख रही है। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि पहली बार आवाम ने सेना और आईएसआई (ISI) के मुख्यालय पर धावा बोला। ये स्थितियां बेहद खतरनाक है।

पाकिस्तान की अस्थिरता भारत के लिए चिंता का सबब

पाकिस्तान की अस्थिरता केवल उसके लिए ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी चिंता का सबब है क्योंकि इस स्थिति का लाभ उठाकर चीन पाकिस्तान पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश करेगा। संभव है वह पीएम शहबाज के जरिए अपने सैन्य बलों को शांति स्थापित करने के नाम पर पाकिस्तान में तैनात कर दे। यदि ऐसा हुआ तो यह भारत ही नहीं एशिया के अन्य देशों के लिए भी भविष्य में खतरनाक साबित होगा।

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