संपादक की कलम से: अंतरिम बजट के निहितार्थ

Sandesh Wahak Digital Desk : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश किया। उम्मीद जताई जा रही थी कि इसमें लोकलुभावन घोषणाएं होंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बावजूद इसके सरकार ने गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं को साधने के लिए कई अहम ऐलान किए। साथ ही आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। वहीं सरकार ने यह ऐलान भी किया कि वह पूर्व की संप्रग सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेतपत्र जारी करेगी।

सवाल यह है कि :

  • मोदी सरकार ने चुनाव के पहले अन्य सरकारों की तरह बड़ी-बड़ी लोकलुभावन घोषणाएं क्यों नहीं कीं?
  • क्या सरकार को अपनी वापसी का पूरा भरोसा है?
  • क्या सुधारों के जरिए विकसित भारत का रोडमैप तैयार किया जा रहा है?
  • महिला, युवा, किसान और गरीबों के लिए की गई खास घोषणाओं के पीछे की असली वजह क्या है?
  • क्या देश में जातिवाद की काट के लिए सरकार ने महिला, युवा, किसान और गरीबों को चार जातियां बताने और उनके लिए काम करने का संकल्प लिया है?
  • क्या चुनाव के दौरान भाजपा बड़ी घोषणाएं करने और अगले बजट में इसे पूरा करने का दांव चलने वाली है?

अंतरिम बजट लेखानुदान होता है और सरकार लोकलुभावन वादे करने से बचती है। बावजूद इसके यदि ध्यान से देखे तो बजट में युवा, महिला, किसान और गरीबों पर फोकस किया गया है। मध्यम वर्ग के लिए आवास की घोषणा, रूफटॉप सोलर योजना के तहत 300 यूनिट तक फ्री बिजली, डेयरी किसानों के लिए अलग से प्लान, 9-14 साल तक की बच्चियों में सर्वाइकल कैंसर से बचाव को टीकाकरण का ऐलान इसकी पुष्टिï करते हैं।

संप्रग सरकार की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करने का ऐलान

इसके अलावा सरकार विपक्ष के इस आरोप का जवाब देने की भी तैयारी कर चुकी है कि मोदी के शासनकाल में अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। संप्रग सरकार की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करने का ऐलान इसकी कड़ी है और माना जा रहा है कि इसके जरिए भाजपा की केंद्र सरकार जनता के सामने न केवल पूर्व सरकार की आर्थिक नीतियों को रखेगी बल्कि इसके जरिए चुनाव के दौरान वह विपक्ष पर निशाना भी साधेगी।

यही नहीं चुनाव के दौरान भाजपा न केवल बड़े वादे कर सकती है बल्कि जनता से उनको अपनी सरकार के पहले ही बजट में पूरा करने का दावा कर सकती है। इसमें दो राय नहीं कि जिन चार जातियों महिला, किसान, गरीब और युवाओं की बात पीएम मोदी सार्वजनिक मंचों से करते रहे हैं, उनके लिए खास ऐलान कर सरकार ने इन तक अपनी बात पहुंचा दी है। साथ ही विपक्ष को भी सावधान कर दिया है कि वे जिस अर्थव्यवस्था को लेकर उस पर हमलावर है उनका जवाब पाने के लिए तैयार रहें। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा को इसका कितना फायदा लोकसभा चुनाव में मिलता है।

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