Gonda News: दिशा भी नहीं तय कर सकी बिजली, स्वास्थ्य और खनन की ‘दिशा’
जिले के चार विधायकों ने केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह की मौजूदगी में लगाए थे गंभीर आरोप

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: गोंडा जिले में दिशा की बैठक में जिले के माननीयों ने ध्वस्त स्वास्थ्य व्यवस्था एवं अनियमितता से लेकर बिजली विभाग की मनमानी और खनन महकमे द्वारा की जा रही ‘लूट’ का मुद्दा उठाया तो अध्यक्षता कर रहे गोण्डा सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह समेत मीटिंग में मौजूद अधिकारी सन्न रह गए।
हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ने बाद में इन विभागों की अलग से बैठक कर समीक्षा करने का भरोसा दिया था। दस दिन बीत गए। मंत्री जी विदेश यात्रा पर निकल गये हैं। ऐसे में माननीयों के साथ ही आमजन में भी निराशा है। सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर सिस्टम को कौन सुधारेगा?
बताते चलें कि 22 मई को जिला पंचायत सभागार में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) के अध्यक्ष सांसद गोण्डा व केन्द्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया की अध्यक्षता में समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विकासपरक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की विभागवार गहन समीक्षा की गयी।
खनन विभाग पर गंभीर आरोप
इस दौरान तरबगंज से भाजपा विधायक प्रेमनारायण पाण्डेय ने खनन विभाग पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि खनन महकमे के अधिकारी आम आदमी को भी मिट्टी खनन के नाम पर लूट रहे हैं। यह स्थिति बहुत ही खराब, चिंताजनक है। इससे सरकार की बदनामी हो रही है। करनैलगंज से बीजेपी विधायक अजय कुमार सिंह ने बिजली विभाग पर सवाल खड़े किए। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य महकमे को भी कटघरे में खड़ा किया।
गौरा से भाजपा विधायक प्रभात कुमार वर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि खनन विभाग का काम केवल वसूली है। जहां इनकी सेटिंग-गेटिंग हो जाती है, वहां चाहे जितनी शिकायत की जाए लेकिन नहीं जाएंगे। जहां सेटिंग नहीं होती है, वहां रात में भी छापा मारकर ट्रैक्टर-ट्रॉली और जेसीबी पकड़ लेते हैं। इनकी जिलेभर से शिकायतें आ रही हैं। विधायक प्रभात वर्मा ने स्वास्थ्य व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा करते हुए बड़े पैमाने पर अनियमितता के आरोप लगाए। वहीं जिले के मेहनौन से बीजेपी विधायक विनय कुमार द्विवेदी ने बिजली, खनन और स्वास्थ्य विभाग पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खनन विभाग सिर्फ लोगों को लूटने का काम कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
बिजली विभाग की हालत भी दयनीय है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। कहा कि आम आदमी को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। सरकारी अस्पतालों की स्थिति बहुत ही खराब है। अस्पताल में डॉक्टर मिलते नहीं हैं, जिससे गरीबों को निजी डॉक्टरों के पास जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है। इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जनपद के चार विधायकों द्वारा बिजली, खनन और स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गए गंभीर आरोपों को दिशा के अध्यक्ष, सांसद गोण्डा व केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने बहुत ही संजीदगी से लिया।
उन्होंने कहा कि माननीयों द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। इसलिए इन विभागों की वे अलग से बैठक कर समीक्षा करेंगे। राजा भैया ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करना हर अधिकारी की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने अलग से बैठक कर समीक्षा की बात कही तो माना गया कि अब निश्चित रूप से इन विभागों में व्यवस्था परिवर्तन होगा और सिस्टम पटरी पर आएगा, लेकिन राजा भैया विदेश यात्रा पर निकल गये और समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इससे न सिर्फ विधायकों में निराशा है, बल्कि आमजन द्वारा भी तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं।
समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान
निराशा इस बात को लेकर है कि मंत्री जी विदेश यात्रा पर निकल गये हैं, जिससे बिजली, खनन और स्वास्थ्य विभाग की अलग से समीक्षा लटक गई है। ऐसे में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे भी जस के तस हैं तथा समस्याएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। उम्मीद थी कि केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया की मौजूदगी में मुद्दा उठाने पर उसका हर हाल में समाधान होगा और जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी मिलेगी। लेकिन डांट मिली न फटकार, व्यवस्था हुई दुश्वार! आरोप है कि दिशा में मुद्दे उठाने के बाद भी सिस्टम बेपटरी ही है। वहीं दूसरी तरफ लोगों द्वारा सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि जब माननीयों की ही नहीं सुनी जा रही है, तब आम आदमी अपना दुखड़ा किसे सुनाए?
सीएमओ के खिलाफ शासन में धूल फांक रही फाइल
जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप हैं। देवीपाटन मंडल के तत्कालीन आयुक्त द्वारा कराई गई जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद कार्रवाई के लिए फाइल भेजी गई थी, जो शासन में धूल फांक रही है।
अनियमितता का खुलासा होने के बाद भी अपने खिलाफ कार्रवाई न होने के चलते सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा का मनोबल बढ़ गया जिसका नतीजा यह है कि जिले का स्वास्थ्य महकमा खुद बीमार हो चुका है। अस्पतालों से डॉक्टर के साथ ही दवाएं भी नदारद रहती हैं। खुलेआम मेडिकल स्टोरों, डायग्नोस्टिक सेंटरों, निजी अस्पतालों से ऑनलाइन कमीशन लिए जा रहे हैं जिसका पुख्ता सबूत होने के बाद भी सीएमओ कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
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