Gonda News: भू-माफिया के रसूख के आगे जिलाधिकारी का आदेश बेमानी!
तहसीलदार न्यायिक द्वारा पारित बेदखली के आदेश को भी दिखाया जा रहा ठेंगा

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: गोण्डा सदर तहसील की ग्राम पंचायत सराय जरगर में बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। इस मामले में उच्चाधिकारियों द्वारा कई बार कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जनसुनवाई के जरिए यह मामला डीएम नेहा शर्मा के समक्ष पहुंचा, जिसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने प्रभावी आदेश दिए। तहसीलदार न्यायिक द्वारा पारित आदेश पर अवैध कब्जेदार से 2 लाख रूपए से अधिक राजस्व वसूली की गयी, लेकिन बेदखली की कार्रवाई अधर में लटकी हुई है।
सदर तहसील की ग्राम पंचायत सराय जरगर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला
सदर तहसील की ग्राम पंचायत सराय जरगर के रहने वाले आवेश अहमद पुत्र स्वर्गीय एजाज अहमद ने तहसील व जिला प्रशासन से लेकर शासन तक शिकायत की, जिसमें कहा गया कि सराय जरगर में स्थित सरकारी भूमि गाटा संख्या 327/0.210 हेक्टेयर में से 0.058 हेक्टेयर जमीन पर इरशाद पुत्र भग्गन ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। शिकायत पर जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इस मामले में जांच-दर-जांच हुई, लेकिन कार्रवाई शून्य रही। इस पर शिकायतकर्ता आवेश अहमद ने जनसुनवाई पोर्टल के साथ ही जिलाधिकारी से जनता दर्शन के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई, जिसे डीएम नेहा शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम के आदेश पर सरकारी जमीन पर कब्जेदार के खिलाफ कार्रवाई थोड़ी रफ्तार पकड़ी।
राजस्व वसूली के उपरांत बेदखली के बाद ही कार्रवाई मानी जाती पूर्ण
इस मामले में न्यायालय तहसीलदार न्यायिक द्वारा राजस्व वसूली व बेदखली का आदेश पारित किया गया। राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 के अंतर्गत पारित आदेश राजस्व वसूली एवं बेदखली के क्रम में इरशाद पुत्र भग्गन से 21.10.2024 को 2,02,420 रूपए संबंधित विभाग द्वारा वसूला गया, लेकिन भू-माफिया के रसूख और पहुंच के चलते बेदखली की कार्रवाई नहीं की गयी, जबकि प्रावधान है कि राजस्व वसूली के उपरांत बेदखली के बाद ही कार्रवाई पूर्ण मानी जाती है।
इस प्रकरण में शिकायतकर्ता आवेश अहमद द्वारा यह भी कहा गया है कि गाटा संख्या 327/0.210 हेक्टेयर में जितनी भी भूमि कब्जे में है, उसमें इरशाद द्वारा मौखिक रूप से मात्र 0.010 हेक्टेयर पर कथित तौर पर बिना किसी प्रमाण के पट्टा होना बताया गया है, जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 31.05.2024 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश भी पारित किया जा चुका है।
इरशाद के कब्जे में जो शेष भूमि 0.040 हेक्टेयर है, उस पर राजस्व वसूली व बेदखली का आदेश दिया गया था। इसमें वसूली तो विभाग द्वारा कर ली गयी, लेकिन बेदखली की कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे इस मामले में राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर संलिप्तता जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि क्या सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले के रसूख और पहुंच के आगे जिला प्रशासन और जिलाधिकारी का आदेश कोई मायने नहीं रखता है?
छह माह बाद भी नहीं हुआ नोटिस पर अमल
जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश के क्रम में दिनांक 05.12.2024 को सराय जरगर के हल्का लेखपाल द्वारा इरशाद पुत्र भग्गन को नोटिस तामील कराई गयी। नोटिस के माध्यम से सूचित किया गया कि इरशाद द्वारा ग्राम सराय जरगर में स्थित गाटा संख्या 327/0.210 हेक्टेयर परती खाते की भूमि पर अवैध कब्जा करके सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचाई जा रही है। न्यायालय तहसीलदार न्यायिक गोण्डा के द्वारा धारा 122 ख के अंतर्गत दिनांक 08.04.2021 व एक अन्य वाद के तहत धारा 67 (1) के अंतर्गत दिनांक 29.02.2024 को बेदखली का आदेश पारित किया जा चुका है।
आपके द्वारा उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में वाद योजित किया गया था, जिस पर न्यायालय द्वारा 0.010 एअर पर स्थगनादेश पारित किया गया है। इसके अतिरिक्त शेष भूमि से अपना अवैध कब्जा इस नोटिस प्राप्ति के 15 दिवस के भीतर हटा लें, अन्यथा आपके द्वारा किए गए अतिक्रमण/अवैध कब्जा को बलपूर्वक हटा दिया जाएगा और कब्जा हटवाने में जो भी खर्चा आएगा, उसका हर्जाना आपसे वसूला जाएगा।
एसआईटी से जांच व एफआईआर की मांग
ग्राम पंचायत सराय जरगर के रहने वाले आवेश अहमद ने देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील को पत्र देकर एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग की है। शिकायतकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया है कि इरशाद पुत्र भग्गन द्वारा उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम की धारा 109 का गलत उपयोग कर मिथ्या दस्तावेज तैयार कराकर मुकदमे में उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी अधिनियम की धारा 48 (3) के अंतर्गत फर्जी दस्तावेज के जरिए मुकदमे में दस्तावेजीय छेड़छाड़ कर न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। इसलिए जालसाज के विरूद्ध एसआईटी से जांच कराकर एफआईआर दर्ज कराई जाए।
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