Gonda News: खुलासे की जल्दबाजी में नवाबगंज पुलिस ने ‘निर्दोष’ को भेज दिया जेल!

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: गोण्डा जिले की नवाबगंज थाने की पुलिस ने पशु तस्करी की घटना के खुलासे की जल्दबाजी में बिना जांच-पड़ताल किए ही एक निर्दोष युवक को आनन-फानन में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में दी गई तहरीर के आधार पर ही युवक पर घटना में शामिल होने का आरोप मढ़ दिया गया। कुछ दिन बाद जब जिले की एसओजी टीम ने पशु तस्करी के असली गुनहगारों को दबोचा तो नवाबगंज पुलिस की कार्रवाई पर उंगलियां उठाई जाने लगीं।
बताते चलें कि पहली अप्रैल को नवाबगंज थाना क्षेत्र के महंगूपुर गांव में हुई पशु तस्करी की घटना को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया गया था। इस मामले में महंगूपुर के रहने वाले बजरंग दल के खण्ड संयोजक शांत प्रकाश दूबे ने थाने पर तहरीर दी जिसमें कहा कि एक अप्रैल को दोपहर करीब एक बजे गांव के दक्षिण टोला में दुर्गा मंदिर के पास गोवंशों को गलत तरीके से बांधा जा रहा था।
जेल भेजे गए मन्नू सिंह पर नहीं दर्ज है एक भी आपराधिक मामला
अपने साथियों संग जब वह उन्हें खोलने को गया तो उसी टोले के मन्नू सिंह व विन्देश सिंह आजाद ने वहां पर पहुंचकर विरोध करते हुए रोक दिया। वहीं एक अप्रैल को ही रात करीब 11 बजे एक पिकअप महंगूपुर रघुनाथपुर के बार्डर पर आई जिसमें गौवंश लादे जाने लगे। कुछ युवकों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत डायल 112 को सूचित किया और इकट्ठा होकर पिकअप के पास जानवरों को छुड़ाने जाने लगे। इस बीच लोगों की आहट पाकर पिकअप चालक फरार हो गया।
आरोप लगाया गया कि इस मामले की शिकायत लेकर जब युवक थाने पर पहुंचे तो मुख्य आरक्षी सुनील यादव द्वारा उन्हें धमकाया गया। प्रकरण के तूल पकड़ने पर शांत प्रकाश द्वारा दी गई तहरीर पर मन्नू सिंह पुत्र तारकनाथ सिंह व विन्देश सिंह पुत्र अवधेश सिंह निवासी महंगूपुर समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए दोनों को आनन-फानन में गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया गया।
एसओजी टीम द्वारा मुख्य आरोपियों को दबोचने के बाद कटघरे में थाने की पुलिस
चूंकि मामला पशु तस्करी से जुड़ा था, इसलिए पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा इसमें जिले की एसओजी टीम को लगा दिया गया। एसओजी ने जांच-पड़ताल शुरू की तो उसके हाथ इस घटना के असली कर्ता-धर्ता रिजवान अहमद पुत्र जाहिद निवासी हजरतपुर थाना वजीरगंज व सलीम पुत्र अली शेर निवासी घूसे तिवारी पुरवा थाना नवाबगंज तक पहुंच गये, जिन्हें टीम ने दबोच लिया।
एसओजी के इस खुलासे के बाद नवाबगंज पुलिस की कार्रवाई पर उंगलियां उठाई जाने लगीं और आरोप लगाया जाने लगा कि अफसरों की वाहवाही बटोरने के चक्कर में उसने फर्जी खुलासा कर निर्दोष युवक को जेल भेज दिया है। इतना ही नहीं, इस मामले में नवाबगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए आईजी अमित पाठक से किसी स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गयी है। इससे न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर उंगलियां उठाई जाने लगी हैं, बल्कि उसकी साख पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
नवाबगंज पुलिस पर लगा गंभीर आरोप, आईजी से शिकायत
इस संबंध में वजीरगंज थाना क्षेत्र के बालेश्वरगंज के रहने वाले पप्पू सिंह पुत्र रामलौटन सिंह ने देवीपाटन रेंज के आईजी अमित पाठक से शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। आईजी को दिए शिकायती पत्र में उसने कहा है कि मन्नू सिंह उसका साला है। नवाबगंज पुलिस ने उसके विरोधियों के प्रभाव में आकर उसे नाजायज तरीके से अभियुक्त बनाते हुए पशु तस्करी के आरोप में जेल भेज दिया है। उसने कहा है कि उसका साला पढ़ा-लिखा नौजवान है।
उस पर इस मुकदमे के अलावा अन्य कोई भी केस नहीं दर्ज है। उसे चुनावी रंजिश में नवाबगंज पुलिस की साठगांठ से फर्जी तरीके से फंसाया गया है। इससे उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। उसने आईजी अमित पाठक से मन्नू सिंह का जीवन बर्बाद होने से बचाने, घटना की निष्पक्ष विवेचना किसी स्वतंत्र एजेंसी या अपने स्तर से कराकर न्याय मुहैया कराने की गुहार लगाई है।
सीओ की जांच के बाद की गयी कार्रवाई
हालांकि इस मामले में पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि तहरीर में नामजद आरोपी बनाए जाने के बाद सीओ तरबगंज उमेश्वर प्रभात सिंह व नवाबगंज थानाध्यक्ष अभय सिंह द्वारा गहनता से जांच-पड़ताल के बाद ही कार्रवाई की गयी है।
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